भारत की दरियादिली देखकर चीन को आ जाएगी शर्म!

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भारत सरकार ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि भारत के प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था (एमटीसीआर) में शामिल होने से राष्ट्रीय सुरक्षा कार्यक्रमों पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष कार्यक्रमों में अधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने सवालों के जवाब में कहा कि भारत की एमटीसीआर में सदस्यता से भारतीय उद्योगों को विदेशी संस्थाओं से उच्च प्रौद्योगिकी संबंधी कारोबार करने तथा भारत के अंतरिक्ष एवं रक्षा कार्यक्रमों के लिये उच्च प्रौद्योगिकी युक्त सामग्री उपलब्ध हो सकेगी।

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गौरतलब है कि भारत की सीमा से सटा भारत का पड़ोसी चीन अक्सर दोस्ती की आड़ में डंक मारता रहा है। दुनिया जानती है कि हाल ही में चीन ने भारत को कितना बड़ा झटका दिया है। एनएसजी में भारत को सदस्ता नहीं मिल पाई, इसका इकलौता कारण चीन रहा। जबकि अमेरिका आज तक इस बात पर अफसोस जाहिर करता है कि भारत एनएसजी की सदस्यता को लेकर सक्षम है, लिहाजा भारत को एनएसजी में शामिल होना चाहिए था। लेकिन ड्रैगन के डंग का जवाब भारत ने कुछ अलग तरीके से देने का फैसला लिया है। जी हां एनएसजी में भले ही भारत को सदस्यता ना मिल पाई हो लेकिन एमटीसीआर में मेंबरशिप लेकर भारत ने अपना लोहा मनवा दिया। एमटीसीआर में भारत का शामिल होना पाकिस्तान और चीन के लिए करारा जवाब है। अब बारी आई चीन के एमटीसीआर में हिस्सा लेने कि तो भारत ने यहां बड़ी दरियादिली दिखाई। जाहिर है भारत के इस फैसले के बाद चीन को अपने फैसले पर अफसोस जरूर होना चाहिए।

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