मिशन 2017 के तहत उत्तरप्रदेश में सत्ता पर काबिज होने के लिए बीजेपी खूब पसीना बहा रही है। उधर बसपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या को बीजेपी में शामिल कराने के बाद… अचानक पार्टी ने उनसे किनारा कर लिया है। खबर है कि मौर्या को बसपा से तोड़ने के लिए लिए बीजेपी ने उन्हें लॉलीपोप दिया था। लेकिन अब उनसे मुंह मोड़ा जा रहा है।
ऐेसे में अब मौर्या बीएसपी में दोबारा वापिस जाना चाहते हैं तो बहनजी ने उनसे मिलने से ही इनकार कर दिया है। कभी मायावती को अपनी मुंहबोली बहन बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या ने जब बीएसपी छोड़ी थी तो बसपा सुप्रीमो पर नोट के बदल टिकट बांटने के गंभीर आरोप लगाए थे। जिससे मायावती के पद और प्रतिष्ठा को भारी ठेस पहुंची थी। ऐसे में जायज है कि मायावती अब कभी उन्हें पार्टी में शामिल करना नहीं चाहेंगी।
सूत्रों के मुताबिक स्वामी प्रसाद मौर्या ने मायावती के स्टाफ के जरिये मैसेज भी बहनजी को भेजा था, लेकिन बहनजी ने उनसे मिलने से साफ इनकार कर दिया। बताया जाता है कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह अब उनसे मिलना ही नहीं चाहते। जबकि बसपा को यूपी में कमजोर करने के इरादे से पहले शाह ने उनसे 30 सीटों पर प्रत्याशियों को चुनाव लड़ाने के लिए टिकट देने का वादा किया था, लेकिन टिकट देना तो दूर अब वह उनसे मिल भी नहीं रहे हैं।
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