केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी ने ईव टीजिंग पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि लगभग सभी फिल्मों में छेड़छाड़ को बढ़ावा दिया जाता है। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में मेनका गांधी ने कहा, ‘सभी फिल्मों में रोमांस की शुरुआत छेड़खानी से होती है, चाहे वह हिंदी फिल्म हो या फिर क्षेत्रीय फिल्म, दिखाया जाता है कि हीरो और उसके दोस्त किसी महिला को घेर लेते हैं, कमेंट करते हैं, कुछ बोलते हैं।’ मेनका महिला एंव बाल विकास मंत्री हैं। उन्होंने यह बयान किस संदर्भ में दिया है यह अभी पता नहीं लगा।
मेनका अपने बयानों को लेकर पहले भी चर्चा में रही हैं। अंतर्राष्ट्रीय महिला से पहले उनके एक बयान पर काफी बवाल भी हुआ था। एनडीटीवी के एक कार्यक्रम में मेनका गांधी ने कहा था कि लड़कियों और लड़कों के लिए एक तरह की ‘लक्ष्मण रेखा’ लगाई जानी चाहिए जिससे वे काबू से बाहर ना हों।
गोवा फेस्ट 2017 में मेनका गांधी ने फिल्मकारों और विज्ञान बनाने वालों से अपील की कि वे महिलाओं की अच्छी छवि को दिखाएं। मेनका गांधी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर काफी संख्या में लोगों के रिएक्शन आ रहे हैं। कुछ लोग केंद्रीय मंत्री के इस बयान को बेतुका बता रहे हैं तो कोई तंज कसते हुए देश में फिल्मों को बैन करने की बातें कर रहा है।
ट्विटर यूजर @rajrohit26 ने ट्वीट किया है, ‘चलो अब फिल्म बैन कर दो.’
ट्विटर यूजर @SuhasRamnath ने ट्वीट किया है, ‘कपड़ों के बाद फिल्म को जिम्मेदार ठहराकर पाखंड है.’
ट्विटर यूजर @mazii1000 ने ट्वीट किया है, ‘बैन कर दो सब फिल्म, बैन टीवी, बैन मीडिया.’
ट्विटर यूजर @saw1_6 ने ट्वीट किया है, ‘तो फिल्म निर्माण बैन कर दो.’
मेनका गांधी के बॉलीवुड फिल्मों पर दिए बयान के बाद अब ट्विटर पर इस तरह के सवालों की झड़ी लगी है। जहां लोग उनपर जमकर भड़ास निकाल रहे हैं।