BSF कैंप के पास रहने वाले लोगों का दावा: आधे दामों पर हमें राशन और ईंधन बेचते हैं BSF अधिकारी

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तेज बहादुर
फाइल फोटो

BSF जवान तेज बहादुर यादव के खराब खाने पर सवाल उठाने के बाद, इस खबर ने तूल पकड़ लिया है। इसी बीच एक और बड़ी खबर सामने आ रही है। जिससे BSF अधिकारियों की शान में बट्टा लग सकता है। दरअसल नवभारत टाइम्स की खबर में छपा है कि BSF कैंपों के आसपास रहने वाले लोगों का दावा है कि कुछ अधिकारी उन्हें फ्यूल और राशन का सामान मार्केट से आधे दाम पर बेचते हैं।

BSF के जवान तेज बहादुर यादव ने अपने विडियो में इस बात का जिक्र किया था। उन्होंने विडियो में दावा किया था कि सरकार राशन का पर्याप्त सामान भेजती है, स्टोर्स भरे पड़े हैं मगर अधिकारी सामान को सैनिकों तक नहीं पहुंचने देते और बाहर ही बेच देते हैं।

एक BSF जवान और श्रीनगर स्थित हुमहमा BSF हेडक्वॉर्टर के आसपास रहने वाले कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि एयरपोर्ट के आसपास रहने वाले दुकानदार, कुछ BSF अधिकारियों द्वारा बेचे जाने वाले ईंधन के प्रमुख खरीददार हैं। नाम न उजागर करने की शर्त पर एक BSF जवान ने कहा, ‘ये अधिकारी स्थानीय बाजारों में राशन और खाने-पीने की चीजें बेच देते हैं। हम तक सामान पहुंच ही नहीं पाता। यहां तक हमें हमारी दैनिक उपयोग की चीजें भी नहीं मिल पातीं और वे इन्हें बाहर अपने एजेंट्स के माध्यम से मार्केट में बेच देते हैं।’

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इलाके के एक ठेकेदार ने बताया, ‘हमें मार्केट से आधे दाम पर हुमहमा कैंप के कुछ अधिकारियों से डीजल और पेट्रोल मिल जाता है। इसके अलावा राशन में चावल, मसाले, दाल और रोजमर्रा की चीजें भी बेहद कम दामों में मिल जाती हैं।’

इसके अलावा इलाके के एक फर्नीचर डीलर ने बेहद चौंकाने वाला दावा किया है। उसके मुताबिक, ‘ऑफिस और बाकी सरकारी जरूरतों के लिए फर्नीचर खरीदने आने वाले अधिकारी हमसे मोटा कमिशन लेते हैं। उनका कमिशन हमारे मुनाफे से भी ज्यादा होता है। BSF में कोई ई-टेंडरिंग व्यवस्था नहीं है। अधिकारी आते हैं, अपना कमिशन लेते हैं और फर्नीचर खरीद लेते हैं। कई बार तो उन्हें फर्नीचर की क्वॉलिटी से भी ज्यादा मतलब नहीं होता है।’

यह हाल सिर्फ BSF का नहीं है। CRPF के कुछ अधिकारियों का भी यही हाल है। श्रीनगर में एक महीने पहले तक बतौर आईजी (प्रशासन) तैनात रहे CRPF के आईजी रविदीप सिंह साही ने कहा कि अगर सप्लाई में किसी तरह की गड़बड़ी है, तो वह इसकी जांच कराएंगे।

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आईजी रविदीप ने कहा, ‘हमारे जवान हमारी ताकत हैं। उन्हें दी जाने वाली सुविधाओं में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।’ उन्होंने दावा किया कि CRPF में चीजों को खरीदने की एक स्थापित व्यवस्था है और कोई भी इसका उल्लंघन नहीं कर सकता है। श्रीनगर में लॉ एंड ड्यूटी पर तैनात एक CRPF के सिपाही ने इस दावे को सिरे से खारिज किया कि अधिकारी उनके साथ बुरा सलूक करते हैं। सिपाही ने कहा, ‘हमें समय पर बेहतरीन खाना मिलता है। इसके अलावा ड्यूटी खत्म होने पर, रहने की भी उचित व्यवस्था कराई जाती है।’

नवभारत टाइम्स के हावले से खबर 

अगले स्लाइड में पढ़ें – BSF अधिकारियों पर आरोप लगाने वाले BSF जवान तेजबहादुर यादव के दावे और उसके उलट BSF की दलीलें

BSF कांस्टेबल तेज बहादुर यादव के गंभीर आरोपों के बाद एक तरफ जहां सरकार ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं वहीं BSF ने अपना बचाव करते हुए आरोप लगाने वाले जवान पर कई संगीन आरोप मढ़ दिए। BSF ने दावा किया कि जवान तेज बहादुर पहले भी कई बार इस तरह की हरकतें कर चुका है, यही वजह है कि उसका 20 साल तक प्रमोशन नहीं किया गया। और प्रमोषन न मिलने से नाराज होकर उसने ऐसी हरकतको अंजाम दिया है। BSF ने ये भी दावा किया कि जवान का 2010 में कोर्ट मार्शल भी हो चुका है। जबकि आरोप लगाने वाले जवान ने BSF से सवाल पूछा है कि अगर मैं गलत था तो मुझे 14 बार अवॉर्ड कैसे मिल गए।

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वहीं जवान की पत्नी ने कहा कि सरकार तक ये बात पहुंचनी बेहद जरूरी थी, इसलिए मेरे पति ने ये बलिदान दिया है। ताकि दूसरे साथियों का भला हो सके। वहीं आरोप लगाने वाले जवान तेजबहादुर यादव को फिलहाल सरहद से हटाकर वापस हैडक्वाटर ट्रांसफर कर दिया गया है। यहां बतौर प्लंबर वो ड्यूटी करेगा। यही नहीं मेस कमांडर को भी हटा दिया गया है। इस मामले में गृह मंत्रालय ने बुधवार तक रिपोर्ट मांगी है।