बस्ते के बोझ से मिलेगी छुट्टी, CBSE ने स्कूलों को दिए निर्देश, कम होमवर्क और कम किताबों पर दें जोर

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बस्ते
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सीबीएसई ने अब स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ अपने सिर ले लिया है। बच्चों के बस्ते का भार कम करने के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूल, शिक्षक व अभिभावकों के लिए उपाय सुझाए हैं।

इनमें शिक्षकों से कहा गया है कि वे दो-दो विद्यार्थियों के समूह तैयार करें और एक किताब से पढ़ाएं, ताकि एक बच्चे को प्रतिदिन आवश्यक आधी किताबें ही लाने की जरूरत रह जाए। इतना ही नहीं स्कूलों को कहा गया है कि वो पहली-दूसरी कक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए गृह कार्य का नियम लागू न करें इस तरह इन कक्षाओं के बच्चों को बस्ता लाने की जरूरत ही नहीं रह जाएगी।

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सीबीएसई के निर्देशक (एकेडमिक, ट्रेनिंग, रिसर्च एंड इनोवेशन) केके चौधरी की ओर से देशभर के स्कूल प्रमुखों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि भारी होते बैगों के बोझ के चलते विद्यार्थियों में कमर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कंधों में दर्द और रीढ़ की हड्डी पर भी असर पड़ रहा है, जिसके प्रभाव से उनका सामान्य विकास भी प्रभावित हो सकता है। सीबीएसई के इस पत्र में भारी बस्ते से हो रही इन परेशानियों के निदान के लिए खासतौर पर स्कूल, शिक्षक व अभिभावक सभी को उपाय सुझाए गए हैं, जिससे सभी स्तर पर कार्रवाई हो।

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