गरीबी रेखा से नीचे के तबके को अपना घर देने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इंदिरा आवास योजना की शुरूआत की थी। राजीव गांधी की इस महत्वाकांक्षी योजना से अबतक लाखों गरीबों का घर का सपना पूरा हुआ। लेकिन गांव-गांव और गली-गली तक मशहूर हो चुकी इस योजना का नाम और स्वरूप दोनों बदलने जा रहे हैं। जी हां केन्द्र सरकार ने इंदिरा आवास योजना को बदलने का फैसला किया है। अब इसका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया है। इसे अगले महीने जारी किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक नई स्कीम के तहत सरकार का 2019 तक एक करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य है। गौरतलब है कि इससे पहले भी केंद्र सरकार कई योजनाओं से गांधी-नेहरू परिवार का नाम हटा चुकी है। हालांकि ग्रामीण विकास मंत्रालय के अफसरों ने योजना के नाम में बदलाव का कोई कारण नहीं बताया है। इंदिरा आवास योजना के तहत सरकार का इस वित्तीय वर्ष में 38 लाख मकान बनाने का लक्ष्य है, जिनमें से 10 लाख घर बनकर तैयार हो चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, एक अप्रैल 2017 से ये योजना प्रधानमंत्री आवास योजना में समाहित कर दी जाएगी।
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