नई दिल्ली। माकपा ने सोमवार(19 सितंबर) को कहा कि केंद्र पर कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा सुझाये गये कदमों को लागू करने में देरी का आरोप लगाया और कहा कि क्या राजग सरकार उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में विधानसभा चुनावों से पहले ध्रुवीकरण के मकसद से अशांति होने दे रही है।
माकपा के तीन दिवसीय केंद्रीय समिति के सम्मेलन के बाद पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार को पाकिस्तान समेत सभी पक्षों से संवाद फिर से शुरू करना चाहिए। उन्होंने घाटी में शांति बहाल करने के लिए विश्वास बहाली कदम उठाने की भी बात कही।
येचुरी ने संवाददाताओं से कहा कि ‘‘सरकार को कश्मीर पर सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सुझावों को गंभीरता से लागू करना शुरू करना चाहिए। बयान में वरिष्ठ मंत्री भी पक्षकार थे।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘केंद्र और राज्य दोनों सरकार को सभी पक्षों के साथ राजनीतिक संवाद शुरू करना चाहिए। दुर्भाग्य से अभी तक यह नहीं हुआ है। केवल बातचीत से ही सामान्य स्थिति बहाल हो सकती है।’’
येचुरी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान वार्ता के लिए राजग सरकार के एजेंडे में कश्मीर एक मुद्दा है। सरकार को समस्या के अंतिम समाधान के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर शुरू करनी चाहिए और घाटी की जनता के बीच विश्वास बहाली के कदम उठाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि ‘‘लगता है कि सरकार सोच रही है कि अशांति और तनाव बने रहने से बाकी देश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण में मदद मिलेगी और अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में थोड़ा फायदा मिल सकता है। अगर यह सच है तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण और खतरनाक है।’’