चंद्रशेखरन देश के सबसे कामयाब ऑपरेटिंग सीईओ हैं। वे सबसे रतन टाटा के सबसे भरोसेमंद लोगों में माने जाते हैं।टाटा ग्रुप को अच्छी तरह समझते हैं। 30 साल से ग्रुप से जुड़े हैं। करियर की शुरुआत भी टाटा ग्रुप से बतौर सॉफ्टवेयर प्रोग्रामर की थी। मैराथन रनर चंद्रशेखरन खुद कह चुके हैं कि वे लंबी रेस में दौड़ने जैसी सोचते हैं। टाटा सन्स को उम्मीद है कि चंद्रशेखरन आईटी बैकग्राउंड होने के कारण टाटा ग्रुप का डिजिटल मेकओवर कर सकते हैं। उन्होंने 2009 में टीसीएस की कमान संभाली थी। हर साल कंपनी की कमाई बढ़ाई।
नटराजन चंद्रशेखरन की नियुक्ति पर टाटा सन्स ने प्रतिक्रिया दी है। टाटा सन्स ने कहा है कि नटराजन चंद्रशेखरन की अगुआई में टाटा समूह प्रेरित होगा और वो अपनी प्रबंधन की क्षमता से ग्रुप को सफलता की ऊंचाई पर ले जाएंगे। वहीं टीसीएस के डायरेक्टर इशात हुसैन ने कहा कि चंद्रशेखरन इस पद के लिए सबसे अच्छा विकल्प थे। एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्या ने भी नटराजन चंद्रशेखरन का स्वागत किया है।
इसमें कोई दो राय नहीं कि टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर चंद्रशेखरन को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ेगा। इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने कहा कि चंद्रशेखरन को चुनौतियों का सामना करना होगा लेकिन टीसीएस में उन्होंने दिखाया है कि उनके पास इसकी क्षमता है। चंद्रशेखरन 21 फरवरी को अंतरिम चेयरपर्सन रतन टाटा से टाटा संस के चेयरपर्सन का पदभार संभालेंगे।
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