ली ने कहा, ‘‘इस मसले पर संभावनाओं को तलाशने के लिए हम भारत के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। लेकिन बाकी सब एनएसजी की प्रक्रियाओं, नियमों और व्यवस्थाओं के मुताबिक ही होगा। इस मसले पर चीन का रूख जस का तस है। इसलिए चीन ने आमतौर पर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने की जरूरत है।’’ शी 15-16 अक्तूबर को गोवा में होने वाले ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेने पहुंचेंगे। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल है।