दिल्ली
कांग्रेस ने आज केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कश्मीर घाटी में हिंसक प्रदर्शनों से निपटने में सरकार ने अपने पास उपलब्ध नियंत्रण एवं संतुलन का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं किया है। इसने कहा कि सुरक्षाकर्मी दबाव में थे, ऐसे में बल के अत्यधिक इस्तेमाल से बचा जा सकता था।
पार्टी नेता अंबिका सोनी और सलमान खुर्शीद की सदस्यता वाली कांग्रेस की दो सदस्यीय टीम ने केंद्र सरकार से एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की है। ताकि हालात से निपटने के कदमों पर चर्चा की जा सके। कांग्रेस ने लोगों से शांति की अपील की है। आगे कांग्रेस ने कहा कि समस्या का वार्ता के अलावा और कोई जवाब नहीं है। कांग्रेस की एक टीम हालात का जायजा लेने के लिए टीम कश्मीर घाटी में है।
सोनी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कश्मीर में हालात बहुत गंभीर है। हम इससे आहत हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने संदेश में हिंसा से पीड़ित परिवारों के प्रति सहानुभूति जताई है।’’ उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राजनीति में नहीं पड़ना चाहती है लेकिन घाटी में शांति बहाली का समर्थन कर रही है।
उन्होंने कहा, “हमने दवाइयां, बच्चों के भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं यहां लोगों को भेजने का फैसला किया है।” सोनी ने कहा कि पिछले 10 दिनों में प्रधानमंत्री ने सिर्फ एक बार स्थिति पर एक बैठक की। मोदी साहब की उस बैठक में “मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी वहां मौजूद नहीं थी और सरकार ने क्या क्या कदम उठाए हैं यह लोगों की भी जानकारी में नहीं है।” उन्होंने कहा, “हमारी पार्टी को लगता है कि ऐसी स्थिति में पहली चीज यह करनी चाहिए कि एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए ताकि हम सभी इस अनावश्यक, दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा को रोकने और जनजीवन बहाल करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा कर सकें।” उन्होंने कहा, “हमारे लोगों ने सूचना दी है कि अस्पतालों में जगह नहीं है। क्या यह सरकार की जिम्मेदारी नहीं है कि ऐसे रोगियों को विमान मार्ग से फौरन चंडीगढ़, अमृतसर या दिल्ली पहुंचाया जाए।” खुर्शीद ने कहा, “हमारा मानना है कि अत्यधिक बल प्रयोग किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की शैली किसी से बात नहीं करने की है। लेकिन कश्मीर में हर किसी से बात करने की जरूरत है।