भाजपा के दलित सांसद और नेता दलित विरोधी छवि को सुधारने के लिए आक्रामक अभियान चलाएंगे

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दिल्ली
हाल ही में हुए दलितों पर हमले और अत्याचारों ने दलितो को भाजपा से दूर कर दिया है। लगता तो कुछ ऐसा ही है। अभी तक इस मामले पर विपक्ष के आरोपों पर लगभग चुप्पी साधे भाजपा अब इसका जवाब आक्रमक तरीके से देने का मन बना चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी ने जब से दलितों के ऊपर बयान दिया है तब से भाजपा इस मामले को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले रही है। अब दलितों के मुद्दों को लेकर विपक्ष के हमले का सामना कर रहे आरएसएस और भाजपा ने पार्टी के दलित नेताओं से कहा है कि वे यह दावा करते हुए समुदाय के बीच एक आक्रामक अभियान शुरू करें कि उनके एक वर्ग को अपने समर्थन में करने में उसकी ‘‘सफलता’’ ने कांग्रेस और बसपा को उसके खिलाफ ‘‘दुष्प्रचार’’ अभियान शुरू करने के लिए प्रेरित किया है।

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भाजपा के दलित सांसदों और पदाधिकारियों के अलावा पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्षों की कल शाम एक बैठक हुई। बैठक में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी एवं भाजपा तथा संघ के बीच समन्वय का कामकाज देखने वाले कृष्ण गोपाल के अलावा पार्टी महासचिव रामलाल और भूपेंद्र यादव ने उनसे बात की।

बैठक उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर महत्व रखती है क्योंकि भाजपा दलितों को आकषिर्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। मतदाताओं में दलितों की संख्या करीब 20 प्रतिशत है। कई का मानना है कि हाल के मामलों से उसके इस अभियान को नुकसान पहुंचा है।

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उम्मीद है कि भाजपा के दलित सांसद और अन्य नेता कई राज्यों में गौरक्षकों द्वारा दलितों पर हमलों के बाद उत्पन्न स्थिति को लेकर पार्टी का बचाव करने के लिए उन क्षेत्रों में जाएंगे जहां दलितों की काफी संख्या है।
भाजपा प्रवक्ता एवं दलित नेता विजय सोनकर शास्त्री ने कहा, ‘‘विपक्ष ने हमारे खिलाफ दुष्प्रचार अभियान शुरू किया है। कांग्रेस और बसपा साथ हैं क्योंकि वे हमारे द्वारा दलितों को अपने समर्थन में करने को लेकर घबरायी हुई हैं। हमारे वरिष्ठ नेताओं के बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। हमें इसका आक्रामक और प्रभावी तरीके से मुकाबला करना होगा।’’ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान का भी उल्लेख किया गया कि तथाकथित गौरक्षकों में से 70.80 प्रतिशत असामाजिक तत्व हैं।

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सूत्रों ने कहा कि कई नेताओं ने बैठक में कहा कि मोदी ने कहा था कि गौसंरक्षण अच्छी चीज है और उन्होंने इस संबंध में स्वयं द्वारा किये गए अच्छे कार्य का उल्लेख भी किया था लेकिन अब यह आरोप लगाया जा रहा है कि उन्होंने गायों के संरक्षण के लिए काम करने वाले सभी समूहों की आलोचना की है।