अखिलेश सरकार ने मंहगाई की मार झेलने के कारण विधायकों का वेतन में ढाई गुणा बढ़ाया

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अखिलेश सरकार

 

दिल्ली

उत्तरप्रदेश में हर कहानी अजीबो गरीब होती जा रही है। आज अखिलेश सरकार ने विधानमंडल सदस्यों का वेतन यह कहकर बढाने वाला कानून पास करने जा रही है कि विधायक महंगाई का सामना कर रहे हैं। जनता भले ही महंगाई से त्रस्त हो लेकिन महंगाई का फायदा जनता के बजाय सरकार विधायकों को दे रही है।

आज उत्तर प्रदेश सरकार ने बढ़ती महंगाई के मद्देनजर राज्य विधानमंडल के सदस्यों के प्रति उदारता दिखाते हुए उनके वेतन भत्तों को मौजूदा 75 हजार रूपये मासिक से बढ़ाकर सवा लाख रूपये करने का फैसला किया है। इसके साथ ही पूर्व सदस्यों की पेंशन और भत्ता बढ़ाने का भी प्रस्ताव है।

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संसदीय कार्यमंत्री आजम खां ने सरकार के फैसले को लागू करने के लिए आज विधानसभा में उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल (सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन) संशोधन विधेयक 2016 प्रस्तुत किया ।

सदन में प्रस्तुत विधेयक में विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों का मूल वेतन दस हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये करने का प्रस्ताव है।

इसी प्रकार निर्वाचन क्षेत्र भत्ते को हर माह 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार , चिकित्सा भत्ते को 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार और सचिव भत्ता 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रूपये कर दिये जाने का प्रस्ताव है।

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विधेयक में मौजूदा विधायकों को मिलने वाले रेल कूपन भत्ते को सालाना 3.25 लाख रूपये से बढ़ाकर 4.25 लाख रूपये कर दिये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसमें से मासिक 25 हजार रूपये तक की धनराशि निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के लिए ली जा सकेगी।

विधायकों को सदन की बैठक में भाग लेने के लिए अब प्रतिदिन 1000 के बदले 2000 रूपये दैनिक भत्ता मिलेगा , जबकि विधायी समितियों की बैठक में दैनिक भत्ते की राशि 800 से बढाकर 1500 रूपये करने का प्रस्ताव है।

सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन राशि में ढाई गुना की बढोतरी करते हुए उसे प्रतिमाह 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपये कर देने और विधायक के रूप में हर अतिरिक्त वर्ष के लिए बढोतरी की जाने वाली राशि एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रूपये कर दी गयी है।

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पूर्व विधायकों को मिलने वाले रेल कूपन की राशि सालाना 80 हजार से बढ़ाकर एक लाख रूपये करने का प्रस्ताव है, जिसमें से 50 हजार रूपये निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के लिए हैं।

संसदीय कार्यमंत्री खां ने बताया कि विधानमंडल दल के सदस्यों तथा पूर्व सदस्यों के वेतन, पेंशन और अन्य भत्तों की प्रस्तावित बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर सालाना 128 करोड़ रूपये से अधिक का व्यय भार आयेगा।

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