हाल में ही भारतीय सेना की तरफ से पीओके में हुए सर्जिकल स्ट्राइक पर पूरा देश पीएम मोदी को बधाई दे रहा है। वहीं कांग्रेस ने ये दावा किया कि मनमोहन सिंह की सरकार में भी 6 बार सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था। ऐसे में सेना के पूर्व DGMO ने कांग्रेस के दावों की पोल खोलते हुए बड़ा खुलासा किया है।
भारतीय सेना में DGMO रहे ले. जनरल विनोद भाटिया ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई थी। आपको बता दें कि ले. जनरल विनोद भाटिया साल 2012 से लेकर साल 2014 तक भारतीय सेना में DGMO रहे।
दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक कांग्रेस भले ही दावा कर रही हो कि उसके शासन काल के दौरान भी सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था, लेकिन उसके दावों को तत्कालीन डीजीएमओ ने ही नकार दिया है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए तत्कालीन डीजीएमओ लेंफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया ने ये बात कही।
उन्होंने कहा कि पहले क्रॉस बॉर्डर ऑपरेशन हुए हैं जिसे बिना किसी तैयारी के अंजाम दिया गया और आप इन्हें सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कह सकते। जनरल भाटिया ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की तुलना इन ऑपरेशंस के साथ नहीं की जा सकती है क्योंकि दोनों में बहुत अंतर होता है।
2012-2014 तक भारतीय सेना में DGMO रहे जनरल भाटिया ने कहा कि पहले जो स्ट्राइक हुए थे वो बहुत ही स्थानीय स्तर के थे जिन्हें सर्जिकल स्ट्राइक नहीं कहा जा सकता बल्कि वे ऑपरेशन थे। उन्होंने कहा कि सीमा पर सेना के चार महत्वपूर्ण काम होते हैं। पहला एलओसी का किसी तरह उल्लंघन न हो। दूसरा भारतीय सीमाओं की रक्षा करना।तीसरा सीमापार से हो रही आतंकी घुसपैठ को रोकना और चौथा काम होता है कि अपनी दुश्मन सेना पर वर्चस्व बनाए रखना।