जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकी हमले के बाद भारत ने बुधवार को नियंत्रण रेखा पारकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया। 7 आतंकी ठिकानों को बर्बाद कर दिया गया और 35 से 40 आतंकियों को मारा गया। हालांकि पाकिस्तानी सरकार, सेना और मीडिया इससे इनकार कर रहे हैं कि भारत ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की है। लेकिन पाकिस्तान का ‘सच से इनकार’ करना कोई नई बात नहीं है।
पाकिस्तान सरकार ने आधिकारिक तौर पर कारगिल में हमले की बात कभी स्वीकार नहीं की। उसने मुंबई में नवंबर 2008 में किए गए आतंकी हमले में पकड़े गए अजमल कसाब को पाकिस्तानी होने की बात भी नहीं स्वीकार की। 1993 के मुंबई बम धमाकों के वांछित दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने की बात आज तक नहीं मानी है। पाकिस्तान भले ही ये माने कि पीओके में उसे मुंह की खानी पड़ी है, वो इसका जवाब की तैयार जरूर कर रहा होगा। पाकिस्तानी सरकार, पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इतिहास को देखते हुए कहा जा सकता है कि वो पांच तरीकों से पलटवार करने कोशिश कर सकता है।
1- कश्मीर में अशांति को बढ़ावा देना:
लगभग पूरा पाकिस्तान हिंसा, गरीबी और बेरोजगारी का शिकार है लेकिन ऐसा लगता है जैसे वहां के हुक्मरानों को अपने देश से ज्यादा कश्मीर की चिंता रहती है। भारत और पाकिस्तान कश्मीर को लेकर छोटी-बड़ी तीन लड़ाइयां लड़ चुके हैं। कश्मीर की अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी भी आम बात है। पाकिस्तान सरकार, सेना और उसकी खुफिया एजेंसियां कश्मीरी अलगाववादियों को लंबे समय से हथियारों का प्रशिक्षण और पैसा देते रहे हैं। जुलाई में आतंकी संगठन हिज्बुल मुहाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में फैली हिंसा को भी पाकिस्तान ने हवा दी थी। ऐसे में भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से चोट खाया पाकिस्तान कश्मीर में भारत विरोधी कृत्य अंजाम देने या नए सिरे से बढ़ावा देने की कोशिश कर सकता है।