Use your ← → (arrow) keys to browse
शिकायतकर्ता आहमेर खान ने आरोप लगाया था कि स्मृति ने 2004, 2011 और 2014 में चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानबूझकर गलत जानकारी दी और इस मुद्दे पर चिंताएं जताए जाने के बाद भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया।
खान ने आरोप लगाया था कि स्मृति ने चुनाव आयोग के समक्ष दाखिल हलफनामों में अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानबूझकर गुमराह करने वाली सूचना दी थी और जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 125 और आईपीसी के प्रावधानों के तहत यदि कोई उम्मीदवार जानबूझकर गलत जानकारी देता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए।
Use your ← → (arrow) keys to browse