दिल्ली में 11 साल बाद हुए इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक में कई मुद्दों पर राज्यों और केंद्र के विचारों में मतभेद सामने आए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यों में राज्यपाल के हस्तक्षेप का विरोध करते हुए राज्यपाल की पद ही समाप्त करने की नसीहत दे डाली। वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि उन्हें मीटिंग से पहले इसका एजेंडा नहीं बताया गया था।
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 11वीं इंटर स्टेट काउंसिल मीटिंग को संबोधित किया। इस मीटिंग में सभी केंद्रीय मंत्री और सभी राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए। मोदी ने कहा कि ‘उन्हें खुशी है कि पिछले साल 2015-16 में राज्यों को केंद्र से जो रकम मिली है, वह साल 2014-15 की तुलना में 21 प्रतिशत ज्यादा है।’
पीएम ने कहा कि 2006 के बाद ये बैठक नहीं हो पाई, लेकिन मुझे खुशी है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी ने इस प्रक्रिया को फिर से शुरू करने का प्रयास किया। इसके बाद उन्होंने कहा कि देश में ऐसे मौके कम ही आते हैं जब देश का मुखिया और राज्यों के मुखिया साथ आकर कोई काम करें। लेकिन विकास तभी संभव है जब सभी राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम करें।
पीएम मोदी ने बैठक में कहा कि देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियों और उनसे कैसे निपट सकते हैं, कैसे एक-दूसरे का सहयोग कर सकते हैं। इस पर चर्चा होनी चाहिए। मोदी बोले की आंतरिक सुरक्षा को तब तक मजबूत नहीं किया जा सकता, जब तक इंटेलिजेंस शेयरिंग पर फोकस न हो। मोदी बोले की हर समय अलर्ट और अपडेटेड रहने की जरूरत है।
बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपालों की नियुक्ति को लेकर कुछ सुझाव पेश किए। नीतीश बोले कि राज्यपालों की नियुक्ति और उन्हें हटाने की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देशहित में होगा कि राज्यपालों की नियुक्ति से पहले संबंधित राज्य के मुख्यमंत्री से भी चर्चा की जाए। उन्होंने कहा कि ठीक उसी तरह राज्यपाल को हटाने से पहले भी मुख्यमंत्री की राय लेनी चाहिए।