इस BSF जवान ने किया ऐसा कारनामा कि राजनाथ सिंह ने प्रोटोकॉल तोड़कर लगाया गले, जरूर पढ़ें

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केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल BSF के अलंकरण समारोह में वीरता मेडल से सम्मानित किए गए बीएसएफ के उस जवान को प्रोटोकॉल तोड़ते हुए गले से लगा लिया, जो कश्मीर में आतंकरोधी अभियान के दौरान अदम्य साहस का परिचय देते हुए 85 फीसदी से अधिक शारीरिक अक्षमता का शिकार हो गए थे।

दरअसल गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल BSF के कार्यक्रम में राजनाथ ने गोधराज मीणा को वीरता मेडल से सम्मानित किया। वह 2014 में आतंकवादी हमले के दौरान कई गोलियां लगने से बुरी तरह घायल हो गए थे। मेडल मिलने के बाद मीणा द्वारा सलामी देने के कोशिश से प्रभावित राजनाथ सिंह ने प्रोटोकॉल तोड़ उन्हें गले से लगा लिया। प्रोटोकॉल के तहत मेडल मिलने के बाद सैनिक को सम्मानित करने वाले व्यक्ति से हाथ मिलाकर सलामी देनी होती है।

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प्रोटोकॉल के तहत मेडल मिलने के बाद सैनिक को सम्मानित करने वाले व्यक्ति से हाथ मिलाकर सलामी देनी होती है। एक अधिकारी ने बताया कि गोधराज बोलने और चलने-फिरने में सक्षम नहीं हैं। इसके बावजूद उन्‍होंने समारोह में वीरता सम्मान लेने के लिए पूरी वर्दी धारण की। उनके जज्बे से प्रभावित होकर गृहमंत्री ने भी प्रोटोकॉल को नजरअंदाज किया और गले लगा लिया।

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गौरतलब है कि अलंकरण समारोह में मीणा की बहादुरी का किस्सा बयां किया गया, जिसके अनुसार 5 अगस्त 2014 को उधमपुर स्थित नरसू नाला के पास बीएसएफ के जवानों को ले जा रही बस पर आतंकी हमला हुआ था। बस की सुरक्षा की जिम्मेदारी 44 वर्षीय गोधराज मीणा के पास थी। उन्होंने अदम्य साहस और सूझबूझ दिखाते हुए गोलीबारी के बीच दो आतंकवादियों को अपनी बंदूक से सटीक निशाना लगाकर उन्हें बस में घुसने से रोक कर बस में सवार 30 जवानों की जान बचा ली। हालांकि इस दौरान उनके जबड़े सहित शरीर के अन्य हिस्सों में गोली लगी और मीणा न सिर्फ 85 प्रतिशत शारीरिक अक्षमता के शिकार हो गए, बल्कि अब वह बोल भी नहीं सकते हैं। मीणा ने बोलने और चलने-फिरने में अक्षम होने के बाद भी अलंकरण समारोह में वीरता सम्मान पाने के लिए पूरी वर्दी पहनी। उनके इस जज्बे से प्रभावित गृह मंत्री ने भी प्रोटोकॉल को दरकिनार कर मीणा को गले से लगाया। फिलहाल मीणा को प्रशासनिक ड्यूटी पर लगाया गया है।

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