बड़ा खुलासा: कश्मीर में पिछले साल 88 नौजवान बने आतंकवादी

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

अहीर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से घुसपैठ करवाकर आतंकवाद को शह देने की कोशिश जारी हैं। वर्ष 2012 में सबसे अधिक 121 आतंकी देश में घुसे थे। वर्ष 2016 में यह संख्या 119 थी। वर्ष 2010 में घुसपैठ की 81 प्रतिशत कोशिशें नाकाम किए जाने के बाद 489 प्रयासों में सिर्फ 95 आतंकी ही देश में घुसपैठ कर पाए। वर्ष 2011 में 247 कोशिशों में 52 आतंकी, 2013 में 277 कोशिशों में 97 दहशतगर्द व वर्ष 2014 में 222 आतंकियों ने घुसने की कोशिश की, लेकिन 65 कामयाब रहे। वहीं 2015 में 121 आतंकियों ने कोशिश की व 33 कामयाब रहे।

इसे भी पढ़िए :  धार्मिक शिक्षा अनिवार्य करने के लिए निर्देश देने से हाईकोर्ट का इनकार

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरेंडर नीति के तहत राज्य में 31 जनवरी 2004 से आज तक 219 आतंकियों ने हथियार डाले हैं। उन्होंने इस संबंध में सरकार की योजना के तहत लाभ दिए गए हैं। अलबत्ता, मंत्री ने बताया कि कश्मीर में ¨हसा कम हो गई व गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही हैं। आठ जुलाई 2016 को बुरहान वानी की मौत के बाद जुलाई में कानून एवं व्यवस्था संबंधी 820 मामले हुए जो अगस्त में कम होकर 747 हो गए। सितंबर में 535, अक्टूबर में 179, नवंबर में 73 व दिसंबर में कानून एवं व्यवस्था संबंधी मामले कम होकर 36 रह गए। इस वर्ष जनवरी में पांच, फरवरी में 49 व मार्च में 27 मामले प्रकाश में आए हैं। मंत्री ने बताया कि शरारती तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर हालात को सामान्य बनाने की कोशिशें हो रही हैं।

इसे भी पढ़िए :  कश्मीर में हिंसा के लिए पाकिस्तान दोषी: राजनाथ

 

2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse