ये है मामला
एक न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, निजामुद्दीन दरगाह के मुख्य खादिम आसिफ निजामी और नजीम निजामी लाहौर की दाता दरबार दरगाह पर गए थे। उन्हें बुधवार को वहां से लौटने के लिए कराची की फ्लाइट में बैठना था। उनके परिवार के लोगों का कहना है कि आसिफ निजामी को लाहौर एयरपोर्ट पर अधूरे ट्रेवल डॉक्यूमेंट्स होने का कारण बताकर रोका गया था। एक सूत्र ने बताया कि खादिम लाहौर एयरपोर्ट से, जबकि दूसरे मौलवी कराची एयरपोर्ट से लापता हो गए। भारत सरकार ने और इस्लामाबाद में मौजूद भारतीय राजूदत ने यह मामला पाकिस्तान सरकार के सामने उठाया है। बताया जा रहा है कि ये दोनों मौलवी अपने रिश्तेदारों से मिलने कराची गए थे। इसके बाद वे लाहौर में दाता दरबार की दरगाह पर गए थे। लंबे समय से दाता दरबार और निजामुद्दीन दरगाह के खादिम एकदूसरे के यहां आते-जाते रहे हैं।
आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान में सूफी संतों को इस्लामी जिहादियों द्वारा निशाना बनाए जाने के कई मामले सामने आए हैं। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि भारतीय मौलवियों के लापता होने में जिहादियों का हाथ नहीं है।































































