सर्जिकल स्ट्राइक से पहले सेना ने नियंत्रण रेखा के करीब 250 किलोमीटर की परिधि को सर्विलांस पर एक सप्ताह पहले से ले रखा था। बुधवार की रात सेना 9 बजे से ही एलओसी की सील करना शुरू कर दिया था ताकि पाकिस्तानी सेना का ध्यान भटकाया जा सके। एक दिन पहले ही हेलीकॉप्टर से सेना ने पूरे इलाके की निगरानी कर ली थी। आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के बाद लौटने के दौरान एक सैनिक को माइन ब्लास्ट के दौरान हल्की चोट आई। सैन्य सूत्रों ने बताया कि यह चोट दुश्मन के किसी प्रतिरक्षात्मक कार्रवाई में नहीं हुई और सभी कमांडो सुबह 4.30 बजे तक सर्जिकल स्ट्राइक को अंजम देकर भारतीय सीमा में लौट आए थे। सूत्र ने बताया कि इस ऑपरेशन को कोई नाम नहीं दिया गया था, जिसे गुरुवार की सुबह 8 बजे के करीब खत्म कर दिया गया।
सेनाध्यक्ष दलबीर सिंह ने सेना के उत्तरी कमांड के सभी सैन्य अधिकारियों को सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक करने पर बधाई दी है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक नियंत्रण रेखा पर अभी भी हाई अलर्ट है और सेना के जवान किसी भी तरह की कार्रवाई का जवाब देने के लिए तैयार हैं। गौरतलब है कि भारतीय सेना ने बुधवार की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के भिंबेर, केल, लिपा और हॉटस्प्रिंग सेक्टर में आतंकियों के सात ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था।