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जब वर्ष 2014 में आईएसआईएस उभरने लगा, तो उनके खिलाफ लड़ने के लिए कुर्दिश आंदोलन में शिरकत करने की खातिर जोआना पलानी ने राजनीति विषय की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी, और उत्तरी सीरिया में कुर्दिश पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिटों (वाईपीजी) तथा इराक में पेशमेग्रा फौज दोनों की तरफ से लड़ने लगी।
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर एक पोस्ट में जोआना पलानी ने लिखा था, “महिला अधिकारों, लोकतंत्र – तथा दानिश लड़की होने के नाते जिन यूरोपीय मूल्यों को मैंने सीखा – की खातिर लड़ने के लिए” उसे प्रेरणा मिली…
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