बड़ा खुलासा: कश्मीर के पत्थरबाजों को पाकिस्तान कर रहा है कैशलेस फंडिंग

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पाकिस्तान

कश्मीरी युवकों को भारत के खिलाफ गतिविधियों के लिए पाकिस्तान नए तरीके से फंडिंग कर रहा है। इस बात का खुलासा एक न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में हुआ है। स्टिंग में इस बात का खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान अब कश्मीर में पत्थरबाजों की कैशलेस फंडिंग कर रहा है। पाक अपने गुर्गों तक अब सीधे पैसे पहुंचाने की बजाए उन्हें सामान देता है। उस सामान को बेचकर जो पैसा आता है, उससे पत्थरबाजों की आर्थिक मदद की जा रही है।

घाटी में पाकिस्तान से सामान लेकर ट्रक आते हैं। ये सभी ट्रक घाटी में मुजफ्फराबाद के रास्ते अंदर आते हैं। इन ट्रकों में पाकिस्तान जो सामान भेजता है, उसे पहले घाटी में बेचा जाता है, फिर उस कमाई का पैसा पत्थरबाजों की फंडिंग में इस्तेमाल किया जाता है।

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खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली कि पाकिस्तान इन पत्थरबाजों को पैसा देने के लिए उसी वस्तु विनिमय प्रणाली का सहारा ले रहा है, जिसके जरिए लोग पहले व्यापार करते थे। आपको बता दें कि वस्तु विनिमय प्रणाली में लोग एक सामान के बदले उसी कीमत की दूसरी सामान को लेते-देते हैं।

जैसे मुजफ्फराबाद से जो ट्रक आता है उस पर मान लीजिए कि 5 लाख का सामान है। अब जब ये वापस श्रीनगर से मुजफ्फराबाद लौटेगा तो उस पर सामान 2 लाख का होगा। इस तरह बाकी बचा 3 लाख श्रीनगर में पत्थरबाजों तक पहुंच जाएगा।

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बताया जा रहा है कि इस स्टिंग ऑपरेशन के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को जब से पाकिस्तान की इस नापाक चाल के बारे में पता चला है, जिसके बाद से श्रीनगर और मुजफ्फराबाद के बीच आने-जाने वाली गाड़ियों की जांच पड़ताल की जा रही है।

गौरतलब है कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद घाटी में सुरक्षाबलों के खिलाफ पत्थरबाजी और हिंसक प्रदर्शन करने की वारदात लगातार सामने आती रही है। जिसको लेकर दावा किया गया था कि पत्थरबाजों को सुरक्षाबलों पर पथराव करने के लिए पाकिस्तान की ओर से फंडिंग की जाती है। हाल ही में एक अन्य चैनल द्वारा किए गए स्टिंग में पत्थरबाज ने बताया था कि उसे इस काम के लिए लिए 500 से पांच हजार रुपये तक मिलते हैं। पत्थरबाज ने कबूल किया कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन के उग्रवादी बुरहान वानी की मौत के बाद हुए हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान भी उसने पत्थरबाजी की थी। उन्हें विरोध प्रदर्शन करने और पत्थरबाजी के आदेश मिलते हैं। पकड़े जाने पर वो पुलिस के सामने पैसे मिलने की बात कबूल नहीं करते। पत्थरबाज पुलिस की गिरफ्त से बचने के लिए घर से फरार हो जाते हैं।

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खुफिया सूत्रों का दावा है कि अगर पत्थरबाजों तक पहुंचनेवाले पाकिस्तानी फंड को रोक दिया जाए तो कश्मीर घाटी में पत्थरबाजी की समस्या ऐसे ही खत्म हो जाएगी