यूं तो कुमार विश्वास और केजरीवाल में दूरियों की बात कई बार सामने आ चुकी हैं। ये बात हर उस वक्त उठती है जब या तो वो भाजपा के किसी मंत्री से मिल लेते हैं या पीएम मोदी की तारीफ कर देते हैं। लेकिन पिछले दिनों आया उनका वीडियो और 23 अप्रैल को जंतर मंतर पर तमिलनाडु के किसानों से उनकी मुलाकात काफी अलग संकेत कर रही है। हर बार जब भी इस तरह की खबरें आती तो खुद कुमार विश्वास या तो ट्वीट कर या बयान देकर इन खबरों का खंडन करते थे। मगर पिछले कई मौकों पर उन्होंने जिस तरह साफ शब्दों में पार्टी और केजरीवाल की आलोचना की है उससे दोनों के बीच दूरियां बढ़ती नजर आ रही हैं।
लेकिन दोनों के बीच बढ़ती दूरियों की खबरों पर उस वक्त विराम लग गया जब कुमार विश्वास सीएम हाउस पर आम आदमी पार्टी के विधायकों और 300 से ज्यादा समर्थकों के हौसला अफजाई के लिए बुलाई एक बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे।
एमसीडी चुनाव के लिए स्टार कैम्पेनर होने के बावजूद कुमार विश्वास दिल्ली में किसी उम्मीदवार के लिए प्रचार करते नज़र नहीं आये थे। फिलहाल ऐसा लगता है कि एग्जिट पोल की चिंता ने पार्टी के दो बड़े नेताओं और अन्ना आंदोलन से जुड़े पुराने दोस्तों को करीब ला दिया है। सोमवार को सीएम हाउस में हुई बैठक के दौरान कुमार, अरविंद केजरीवाल के ठीक बगल में बैठे हुए नज़र आए।
दरअसल ये चौंकने वाली बात इसलिए भी है क्योंकि जब दिल्ली एमसीडी चुनाव प्रचार तेज़ी पकड़ रहा था तभी एक वीडियो जारी कर कुमार विश्वास ने भ्रष्टाचार को लेकर सीधे आम आदमी पार्टी के मुखिया पर निशाना साधा था। 13 मिनट के इस वीडियो में विश्वास ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर आप भ्रष्टाचार मुक्ति के नाम पे सरकार बनाएंगे और फिर आपके लोग ही भ्रष्टाचार करें और आप मौन होकर उन्हें बचाएंगे तो लोग सवाल पूछेंगे।
आपको बता दें कि कुमार विश्वास के इस बयान की वजह से पार्टी के बड़े नेताओं को किरकिरी का सामना भी करना पड़ा था।