दिल्ली:
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज अलगावादी नेताओं पर निशाना साधते हुए उन पर आरोप लगाया कि वे घाटी में बच्चों को हिंसा में शामिल होने के लिए भड़का रहे हैं जबकि यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि उनके अपने बच्चे विदेश या राज्य के बाहर पढ़ें।
महबूबा ने कहा, ‘‘मेरे सहयोगियों को भय है कि मैं कुछ कह सकती हूं। हालांकि मैंने हमेशा ही सच बोला है। जिस तरह से एक मां अपने बच्चों को तब थप्पड़ मारती है जब वह एक गर्म कांगड़ी छूने का प्रयास करता है, उसी तरह से मैं अपने लोगों को बचाने के लिए ऐसा करूंगी।’’ उन्होंने एक सरकारी कार्यक्रम में मातृत्व का इस्तेमाल करते हुए कहा, ‘‘मैं नाराज होउंगी, मैं सच बोलूंगी और उन्हें बच्चों को ढाल की तरह से इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी दूंगी।’’ उन्होंने विश्वास जताया कि घाटी इस ‘‘तकलीफ ’’ से बाहर आ जाएगी क्योंकि उनके इरादे नेक हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बहुसंख्यक लोग मुद्दे का सम्मानजनक हल चाहते हैं। कोई भी हिंसा नहीं चाहता, केवल उनको छोड़कर जिन्हें इस हिंसा का प्रभाव का सामना नहीं करता है क्योंकि उनके अपने बच्चे घाटी के बाहर पढ़ रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘वे बच्चों को गोलियों, पैलेट और आंसूगैस का सामना करने के लिए कहते हैं लेकिन स्वयं एक पुलिसकर्मी से भी डरते हैं।
महबूबा ने अलगाववादियों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे घाटी के बच्चों का ‘‘उपयोग यह सुनिश्चित करने के बाद कर रहे हैं कि उनके अपने बच्चे बाहर पढ़ें।’’ उन्होंने उम्मीद जतायी कि स्थिति सामान्य होगी। महबूबा ने कहा, ‘‘समय हमेशा इस तरह का नहीं रहेगा लेकिन घाव बच्चों के दिल में रहेंगे जो इन लोगों ने दिये हैं। आज लोगों को मेरे शब्द कड़वे लग सकते हैं लेकिन उन्हें बाद में समझ आएगा कि मैंने इसलिए कहा क्योंकि मैंने लोगों को रात में सड़कों पर घूमते और बच्चों को प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए भड़काते हुए देखा।’’ उन्होंने केंद्र की ‘उजाला’ योजना के तहत एलईडी बल्ब वितरित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम कहा, ‘‘खुदा गवाह है कि उनके :अलगाववादी: अपने बच्चे मलेशिया, दुबई, बेंगलूर और राजस्थान में पढ़ते हैं। यदि इन लोगों का एक भी बच्चा इन दिनों प्रदर्शनों में घायल हुआ होगा तो मैं राजनीति छोड़ने को तैयार हूं।
कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय उर्जा मंत्रालय, राज्य उर्जा विकास विभाग और एनर्जी एफीसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड की ओर से किया गया था।