वैसे, बुधवार को ही कैबिनेट बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रियों को सैन्य कार्रवाई के बारे में ‘बढ़-चढ़कर’ तथा बिना अधिकृत किए बोलने के विरुद्ध चेताया था।
सर्जिकल स्ट्राइक से राजनैतिक फायदा उठाने के विपक्षियों के आरोपों को खारिज करते हुए मनोहर पर्रिकर ने कहा कि इस तरह का जो भी कार्यक्रम उन्होंने देखा है, वह उनके सम्मान के लिए आयोजित नहीं किया गया, बल्कि सेना तथा ‘प्रधानमंत्री के नेतृत्व’ की खातिर किया गया। उन्होंने यह भी कहा, “किसी ने कहा कि मैं बहुत सीधा-सादा हूं… मुझे लगता है, रक्षामंत्री को सीधा नहीं रहना चाहिए, जब मामला देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने का हो…”
अगले मंगलवार को दशहरा है, और प्रधानमंत्री भी अब तक चली आ रही परम्परा को बदलते हुए दिल्ली के ऐतिहासिक रामलीला मैदान को छोड़कर लखनऊ में आयोजित समारोह में भाग लेंगे, जहां वह रावण के विशाल पुतले का दहन भी करेंगे।