मोदी वाजपेयी का राह पर चलें और जम्मू कश्मीर के लोगों से बातचीत करें: महबूबा

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दिल्ली
जम्मू कश्मीर में पिछले एक महीने से अशांति एवं हिंसा का सामना कर रही राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य के लोगों के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया।

महबूबा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के साथ दो घंटे की बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में पाकिस्तान के साथ कश्मीर मुद्दे पर वार्ता बहाली की ओर संकेत करते हुए कहा कि राज्य दोनों देशों के बीच ‘‘सेतु’’ के तौर पर काम कर सकता है। इस बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर भी मौजूद थे।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ वार्ता शुरू करने के लिए लोगों के घावों पर मरहम लगाने की जरूरत है। ये हमारे अपने लोग हैं। यदि जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ वार्ता प्रक्रिया घाटी में स्थिति में सुधार ला सकती है तो यह हमें करना चाहिए।’’ उन्होंने साथ ही कहा कि उनका राज्य भारत और पाकिस्तान के बीच सेतु बन सकता है।

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महबूबा ने कहा, ‘‘कश्मीरी लोगों के घावों पर मरहम लगाने की जरूरत है।’’ हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी बुरहान वानी के गत आठ जुलाई को मुठभेड़ में मारे जाने के बाद घाटी में सामान्य स्थिति बहाल करने में मुश्किलों का सामना कर रही महबूबा ने कहा कि कश्मीर के लोगों के साथ केवल वार्ता प्रक्रिया ही स्थिति सुधारने में मदद कर सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वानी के मारे जाने के बाद शुरू हुई और गत एक महीने से जारी अशांति के दौरान 55 लोगों की जान गई है। उन्होंने मृतकों को ‘‘हमारे अपने लड़के’’ कहा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने यदि सामान्य स्थिति बहाली के लिए पहल नहीं की तो लोग मरते रहेंगे। हम शांति चाहते हैं। वार्ता का एक मौका है और हमें इसका लाभ उठाना चाहिए।’’
महबूबा ने कहा, ‘‘हमने पूर्व में 2008 और 2010 जैसे प्रदर्शन देखे हैं। हमारे बच्चे मारे गए हैं। हमारे परिवारों ने झेला है। मैं अब और कोई मौत नहीं देखना चाहती।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री को वर्तमान लोकसभा में भारी जनादेश है और उन्हें अशांति से निर्मित मौके का इस्तेमाल लोगों का दिल जीतने और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए करना चाहिए, जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था।’’ उन्होंने बैठक के बाद कहा, ‘‘मैं उम्मीद करती हूं कि प्रधानमंत्री इस मौके का इस्तेमाल जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ उनकी समस्याओं के समाधान के लिए वार्ता शुरू करने के लिए करेंगे। लोगों का दिल जीतने की उसी पहल की जरूरत है जो वाजपेयी जी के कार्यकाल में की गई थी।’’ बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित कुमार डोभाल तथा गृह, रक्षा और वित्त मंत्रालयों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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बैठक ऐसे दिन हुई जब घाटी में कर्फ्यू जारी रहने का मुद्दा संसद में गूंजा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने शून्यकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सरकार की ओर से सामान्य स्थिति बहाली के लिए उठाये जाने वाले कदमों के बारे में प्रधानमंत्री से एक बयान की मांग की।

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उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में हम सरकार को जगाना चाहते हैं..हम महसूस करते हैं कि सरकार और प्रधानमंत्री एक मूकदर्शक की तरह स्थिति को बिगड़ते हुए देख रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि मोदी ने कश्मीर की गंभीर स्थिति पर अभी तक कुछ क्यों नहीं बोला।