जल्दबाजी में करंसी बंद करना और फिर जल्दबाजी में लोगों तक नई करंसी पहुंचाना..सब कुछ इतना जल्दी हुआ कि ये जल्दबाजी ही सरकार के लिए एक बड़ा सवाल बन गई। 500 और 1000 के नोटबंद के बाद सरकार को देश की असल तस्वीर का अंदाजा तब लगा जब पैसों की किल्लत झेल रहे लोग भारी तादात में बैंकों की लाइनों में खड़े हुए। किसी को लंबी कतारों में दिल के दौरे पड़े तो कोई मौत के मुंह में समा गया।
सरकार पर सवाल उठने लाजमी थे ही, और हुआ भी यही। लोगों की मौत पर विपक्ष ने केन्द्र सरकार के फैसले को धोखा बताते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। आखिरकार सरकार ने अपने पाले में आई गेंद को RBI यानी रिजर्व बैंक के पाले में सरका दिया। आदेश दिया कि जल्द से जल्द नए नोट छापें और बैंकों तक पहुंचाएं..RBI ने भी भरपूर कोशिश और दिन-रात कड़ी मेहनत कर सरकार के आदेशों का पालन किया और नए नोट छाप डाले।
पर जो नए नोट आप तक पहुंचे क्या वो सोलह आने सही थे..ये एक बड़ा सवाल है। क्योंकि देशभर से अबतक कई खबरें आ चुकी हैं कि नए नोटों में गड़बड़ियां हैँ। कहीं अधूरे नोट छपे हैं, तो कहीं प्रिंटिग में ही खामियां छूट गई हैं। जी हां सर्कुलेशन में आने के दो हफ्ते के अंदर ही 500 रुपये के नोटों में कई तरह की विभिन्नताएं देखने को मिल रही हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे लोगों के दिमाग में कन्फ्यूजन पैदा होने के अलावा इसके नकल की भी आशंका बढ़ जाएगी, जबकि नोटबंदी और नए नोट मार्केट में लाने का सरकार का एक अहम मकसद नकली नोटों पर लगाम लगाना भी था।
हमारे सामने तीन ऐसे मामले आए हैं, जिनमें 500 रुपये के नए नोट्स एक दूसरे से अलग पाए गए हैं।
नोट में खोट – पहला मामला
दिल्ली के रहने वाले आबशार ने बताया, ‘इस नोट में गांधी जी के चेहरे का एक से ज्यादा शैडो नजर आता है। इसके अलावा राष्ट्रीय चिह्न के अलाइनमेंट और सीरियल नंबरों में भी गड़बड़ी है।’
नोट में खोट – दूसरा मामला
गुरुग्राम के निवासी रेहान शाह ने बताया कि नोटों की किनारी का आकार अलग-अलग है। मुंबई के एक निवासी ने 2,000 रुपये के अलग-अलग कलर के नोट्स दिखाए। एक नोट में शेड हल्का था, तो दूसरे में ज्यादा।
नोट में खोट – तीसरा मामला
तीसरा मामला मुंबई का है जहां 500 रूपये के नए नोटों में एक बड़ा खोट दिखाई दे रहा है, दरअसल ये नोट आधे छपे हुए हैं। आधे छपे नोट के बारे में कहा जा रहा है कि यह मुंबई के किसी प्राइवेट बैंक से निकले हैं। आधे छपे नोट के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर मोदी सरकार की काफी आलोचना हो रही है।
आरबीआई की प्रवक्ता अल्पना किलावाला ने बताया, ‘ऐसा लगता है कि जल्दबाजी के कारण वे नोट भी जारी हो गए हैं, जिनमें प्रिंटिंग की कुछ कमियां रह गई थीं। लेकिन लोग आराम से इन नोटों का लेन-देन कर सकते हैं या अगर उनको गड़बड़ी लगती है तो आरबीआई को लौटा भी सकते हैं।’
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