नई दिल्ली : करीब तीन साल पहले कोबरापोस्ट ने एक इंवेस्टिगेशन करके बताया था कि कैसे बैंक काले धन को सफ़ेद करने का और मनी लॉन्ड्रिंग का धंधा करते हैं।कोबरापोस्ट के इस इंवेस्टिगेशन के बाद आरबीआई ने बैंकों कों पर नकेल कसनी शुरू कर दी थी कोबरा पोस्ट के इंवेस्टिगेशन के बाद आरबीआई ने सभी बैंको को केवाईसी और अन्य मानको को पारदर्शी एवं और कठोर बनाने का आदेश दिया था।
लेकिन कोबरापोस्ट के इंवेस्टिगेशन और आरबीआई के आदेश के बावजूद बैंकों के रूख में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है।इसिलिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मानकों का पालन नहीं करने और कई तरह की अनियमितताओं के चलते बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी तरह आरबीआई ने केवाईसी व अन्य मानकों के उल्लंघन की वजह से पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर तीन करोड़ और एचडीएफसी बैंक पर दो करोड़ रुपये का जुर्माना ठोका है।
बॉब में खासतौर पर लेनदेन की निगरानी और वित्तीय खुफिया इकाई को समय पर सूचना देने समेत मनी लांड्रिंग रोधी कानून के कुछ प्रावधानों की अनदेखी की गई। बैंक ने केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) मानकों का उल्लंघन करते हुए कई व्यक्तियों और संस्थाओं के खाते खोले।
इसके अलावा बॉब की ओर से संदिग्ध लेनदेन रिपोर्ट (एसटीआर) फाइल करने में देरी और कुछ मामले में इसे सबमिट ही नहीं करने के मामले भी सामने आए। बॉब की अशोक विहार ब्रांच से नियमों को ताक पर रखकर 6,100 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा आयात बिलों के भुगतान के नाम पर हांगकांग पहुंचा दी गई।
देश में निजी क्षेत्र के दूसरे नंबर के एचडीएफसी बैंक को भी आयात बिलों के अग्रिम भुगतान को लेकर केवाईसी मानकों और मनी लांड्रिंग संबंधी प्रावधानों के उल्लंघन का दोषी पाया गया।आरबीआई ने जांच के बाद इस बैंक को नोटिस जारी किया था। एचडीएफसी बैंक के विस्तृत जवाब के बाद केंद्रीय बैंक ने दो करोड़ की पेनाल्टी लगाने का फैसला किया।
वीडियो में देखिए बैंकों के गोरखधंधे का पूरा खुलासा –
यहा पढ़िए बैंको के गोरखधंधे पर कोबरापोस्ट की पूरी इंवेस्टिगेशन-