‘सेना समेत कोई भी संस्था हिंदुत्ववादी ताकतों की विनाशकारी गतिविधियों से अछूता नहीं’

0
फाइल फोटो।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में चुनावी फायदे के लिए भाजपा पर सेना द्वारा किए गए सर्जिकल स्ट्राइक हमलों को भुनाने का आरोप लगाते हुए माकपा ने गुरुवार(13 अक्टूबर) को कहा कि देश में सशस्त्र बलों समेत कोई भी संस्था राजग सरकार के तहत हिंदुत्ववादी ताकतों की विनाशकारी गतिविधियों से अछूता नहीं है।

लखनऊ में दशहरा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का उल्लेख करते हुए माकपा ने कहा कि संदेश साफ है कि भाजपा उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव राजनीति के साथ धर्म को ‘मिलाकर’ लड़ेगी।

इसे भी पढ़िए :  मणिपुर में हालत तनावपूर्ण, गृहमंत्रालय कर रहा है नगा इलाक़ों में चुनाव टालने पर विचार

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान कि ‘‘कानूनी’ गोरक्षकों की तुलना अशांति पैदा करने वालों से नहीं की जानी चाहिए, यह एक स्पष्ट संकेत है कि दक्षिणपंथी संगठन बीफ खाने और गोवध के बहाने अपनी हिंसा जारी रखेंगे।

माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करात ने कहा कि ‘‘खतरे की घंटी साफ है। भाजपा-आरएसएस के शासनकाल में सशस्त्र बलों समेत राज्य की कोई भी संस्था हिंदुत्ववादी ताकतों द्वारा किए जा रहे विनाश से अछूती नहीं है। यह हर नागरिक के लिए गंभीर चिंता का विषय है।’’

इसे भी पढ़िए :  नोटबंदी के विरोध में केरल में बनी 700 किमी लंबी मानव श्रृंखला

उन्होंने कहा कि ‘‘जो भी गणतंत्र के धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक चरित्र की रक्षा करना चाहते हैं उन्हें भाजपा और आरएसएस को यह कहने के लिए अपनी आवाज उठानी चाहिए कि वे सशस्त्र बलों से अपने हाथ दूर रखें।’’ उन्होंने यह टिप्पणी पार्टी मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ के आगामी अंक के संपादकीय में की।

इसे भी पढ़िए :  सेकुलरिज्म और सियासत में सब जायज है

करात ने कहा कि प्रधानमंत्री ने परंपरा तोड़ी और चुनाव का सामना करने जा रहे राज्य में दशहरा कार्यक्रम को संबोधित किया। साफ तौर पर इसके पीछे का मकसद अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनैतिक फायदा उठाना है।