तमाम बिल्डरों के लिए एक कड़ा संदेश देते हुए नैशनल कन्ज्यूमर कमिशन (NCC) ने कहा है कि फ्लैटों को हैंड ओवर करने या टाइम पर रिफंड देने में नाकाम रहने वाले रीयल एस्टेट कंपनियों के अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। डॉक्टर बी. सी. गुप्ता की अध्यक्षता में कमिशन ने एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को एक कन्ज्यूमर को समय पर घर नहीं देने और न ही निश्चित समय में पैसा लौटाने पर कंपनी के जनरल मैनेजर और डायरेक्टर की गिरफ्तारी के आदेश के साथ ही इसका रास्ता खोल दिया है।
ग्राहकों को निश्चित समय में घर देने का वादा कर बिल्डर उनसे मोटी रकम वसूलते हैं। मगर, वो ग्राहकों को न तो समय पर मकान देते हैं और न ही आसानी से उनका पैसा लौटाते हैं। इससे ग्राहकों पर दोहरी मार पड़ती है। एक ओर तो उन्हें बैंक की EMI देनी पड़ती है और दूसरी ओर उन्हें रहने के लिए किराया भी देना होता है। NCC की बेंच ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम की धारा-25 और धारा-27 का हवाला दिया।