इस धारा के तहत बकाएदारों की संपत्तियों की कुर्की के आदेश या उनकी गिरफ्तारी के लिए एक जुडिशल मैजिस्ट्रेट की तरह अपनी शक्ति का प्रयोग कर सकते हैं। आदेश का पालन करने में नाकाम रहने वाले व्यक्ति को धारा-27 के तहत उपभोक्ता फोरम तीन साल तक की जेल की सजा दे सकता है। वहीं संबंधित कंपनी की तरफ से पेश हुए ऐडवोकेट ने बताया कि कन्ज्यूमर्स को रिफंड दिया जा चुका है। हम लोगों ने 5 अक्टूबर को NCC की अपील के बाद डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट, नोएडा के पास पैसा जमा भी करा दिया है।
उन्होंने कहा, ‘हमने किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया है, इसलिए कंपनी के अधिकारी अरेस्ट नहीं होंगे। महाजन ने बताया कि हम इस बात की जानकारी DM और पंजाब स्टेट कन्ज्यूमर कमिशन को देंगे, जिन्होंने गिरफ्तारी के ऑर्डर दिए हैं। पंजाब स्टेट कन्ज्यूमर कमिशन ने जुलाई में कंपनी के जनरल मैनेजर और डायरेक्टर को अरेस्ट करने के ऑर्डर दिए थे, क्योंकि रीयल एस्टेट कंपनी ने जालंधर में एक कन्ज्यूमर को टाइम पर फ्लैट नहीं दिया था।