उत्तर कोरिया ने आज सुबह पांचवा और संभवत: सबसे शक्तिशाली परमाणु परीक्षण किया।
संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था आईएईए ने कहा है कि अगर उत्तर कोरिया के इस कदम पुष्टि हो जाती है तो यह ‘बहुत परेशान करने वाली और अफसोसनाक’ बात होगी।
आईएईए प्रमुख यूकिया अमानो ने कहा, ‘‘ यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का स्पष्ट उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मांगों की घोर अहवेलना है।’’ चीन ने भी परमाणु परीक्षण का ‘‘कड़ा विरोध’’ करते हुए कहा है कि वह उत्तर कोरिया के समक्ष कूटनीति विरोध दर्ज करागा। उसने प्योयांग से यह भी कहा कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर अपने वादे का सम्मान करे।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि विदेश मंत्रालय का एक वरिष्ठ अधिकारी उत्तर कोरिया के साथ विरोध दर्ज कराएगा। इससे पहले चीन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आज उत्तर कोरिया ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के विरोध के बावजूद एक और परमाणु परीक्षण कर दिया। चीन की सरकार इसके विरोध में हैं। हम उत्तर कोरिया का आह्वान करते हैं कि वह परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर किए गए वादे का सम्मान करे, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का पालन करे और हालात को बिगाड़ने वाल किसी भी कदम से बचे।’’ उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण की निंदा करते हुए दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति ग्वेन ही ने आज इसे प्योगयांग द्वारा ‘‘खुद की तबाही’’ की ओर उठाया गया कदम बताया जो अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में इसे और भी ज्यादा अलग-थलग कर देगा। उन्होंने कहा, ‘‘परमाणु परीक्षण करने से किम जोंग उन की सरकार को ज्यादा प्रतिबंधों और अलगाव का ही सामना करना पड़ेगा। इस तरह का उकसावा उसे अपनी तबाही की ओर ज्यादा तेजी से ले जाएगा।’’ जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने भी उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षण को आज ‘‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’’ करार दिया।