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गौरतलब है कि उरी में हुए आतंकवादी हमले से एक तरफ हर हिंदुस्तानी के दिल में पाक हुकुमत और उनके हुकमरानों के प्रति काफी रोष है तो दूसरी तरफ सर्जिकल ऑपरेशन से ऑर्मी पर गर्व भी। ऐसे में रावण के साथ पाकिस्तान औऱ नवाज़ शरीफ के पुतलों को जलाने का मकसद सिर्फ यही है कि एक स्ट्रॉन्ग मेसेज दुनिया को जाए कि भारत हर आतंकवादी सिचुएशन को मुंह तोड़ जवाब देने का माद्दा रखता है।
लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला में इस बार ‘आतंकवाद’ का रावण बनेगा और उसे जलाएंगे पीएम नरेंद्र मोदी। इस रामलीला के संयोजकों का कहना है कि पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की हिम्मत दिखाने वाले मोदी ही इस बार रावण को जलाने के सच्चे हकदार हैं लेकिन समाजवादी पार्टी ने इसे कोरी सियासत बताया है।
ऐशबाग की रामलीला इस बार कुछ खास है। कभी अवध के नवाब असफुद्दौला ने रामलीला करने के लिए यहां 6 एकड़ जमीन दी थी। इस तरह नवाब असफुद्दौला के बनाए रामलीला मैदान में पीएम मोदी रावण जलाएंगे। पहली बार यहां दशहरा के आयोजन में कोई प्रधानमंत्री शामिल होंगे। इसके पहले अटलबिहारी वाजपेयी भी यहां एक बार रावण दहन कर चुके हैं, लेकिन तब वे प्रधानमंत्री नहीं थे।
वीडियो में देखिए -दिल्ली में साल 2015 के रावण की कुछ झलकियां
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