अमेरिका ने पाकिस्तान को दिए जाने वाले 300 मिलियन डॉलर की मदद रोक दी है। जिसके बाद पाक सरकार ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि उसने अफगानिस्तान में सक्रिय हक्कानी हक्कानी नेटवर्क समेत सभी आतंकवादी संगठनों पर कड़ी कार्रवाई की है। पाक ने कहा कि अमेरिका ने उसकी इन कार्रवाइयों पर ध्यान नहीं दिया और उसे मिलने वाली मदद को रोक दिया।
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रतिनिधि पीटर लवॉय से मीटिंग के दौरान पाकिस्तान के विदेश सचिव एजाज अहमद चौधरी ने यूएस की ओर से सैन्य सहायता रोके जाने पर अपनी चिंता जाहिर की। अमेरिकी रक्षा मंत्री ऐश्टन कार्टर ने हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ पाकिस्तान की कार्रवाई को पर्याप्त नहीं माना था।, जिसके बाद उसे अमेरिकी संसद ने पाक को दी जाने वाली सहायता राशि को मंजूरी नहीं दी। अमेरिकी संसद की ओर से मंजूरी नहीं मिलने के बाद पेंटागन ने पाक को दी जाने वाली 300 मिलियन डॉलर की सहायता रोक दी।
अमेरिका की ओर से पाक को यह राशि अफगानिस्तान में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ उसकी सैन्य कार्रवाई के एवज में दी जानी थी। एक बयान में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘पाकिस्तान की ओर से हक्कानी नेटवर्क समेत सभी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई किए जाने के बावजूद अमेरिका ने इस तथ्य पर विचार करने से इनकार कर दिया।’
बीते दिनों में अमेरिका और पाक के बीच कुछ मुद्दों को लेकर तनातनी बढ़ने की ओर इशारा करते हुए चौधरी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती के लिए बातचीत जारी रहनी चाहिए। गौरतलब है कि गुरिल्ला हमलों के लिए कुख्यात आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क ने अमेरिका की नेतृत्व वाली नाटो सेना और अफगान सुरक्षा बलों के निशाने पर है। हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ जंग में पाकिस्तान भी अमेरिकी सुरक्षा बलों का साझीदार है।