दिल्ली: भारत को एनएसजी का सदस्यता मिलता देख पाकिस्तान बौखला चुका है। इस बौखलाहट नें आज पाक ने भारत को जिस रास्ते से एनएसजी में सदस्यता मिल रह रहा है उसे आज खारिज कर दिया है। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने परमाणु अप्रसार संधि पर दस्तखत नहीं करने वाले देशों की परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता के लिए उनकी उम्मीदवारी के आकलन के नए फॉर्मूलों को भेदभावपूर्ण और बेकार बताते हुए खारिज कर दिया है। समाचार पत्र डॉन की वेबसाइट के अनुसार, विदेश कार्यालय के प्रवक्ता नफीस जकरिया ने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘यह स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण होगा और एनएसजी के (परमाणु) अप्रसार उद्देश्य को आगे बढ़ाने में कोई योगदान नहीं करेगा।’
भारत और पाकिस्तान की सदस्यता पर 48 सदस्यीय एनएसजी की सोल में हुई पूर्ण बैठक के बेनतीजा रहने के बाद एनएसजी सदस्यों के बीच चर्चा के लिए ऑस्ट्रिया में अर्जेंटीना के राजदूत राफेल मेरिआनो ग्रोसी को समन्वयक नियुक्त किया गया था। पिछले महीने वियना में हुई एनएसजी की असाधारण पूर्ण बैठक में भी गतिरोध बना रहा। इस महीने राजदूत ग्रोसी ने एनएसजी के सदस्यों के समक्ष एक दो पेज का संशोधित दस्तावेज पेश किया जिसमें एनपीटी पर दस्तखत नहीं करने वाले भारत और पाकिस्तान के आवेदन पत्रों पर विचार करने के लिए एक नौ सूत्रीय प्रस्ताव शामिल है। गैर एनपीटी आवेदकों के लिए मसौदा के एक संशोधित संस्करण पर विचार करने के लिए गत सप्ताह वियना में एनएसजी सदस्यों की एक बैठक हुई थी।