‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की खबर के अनुसार न्यायमूर्ति आमिर फारूक ने हैदर की याचिका बनाए रखने पर फैसला सुरक्षित रखा। हैदर ने राष्ट्रपति के सचिव, राष्ट्रपति सचिवालय के अतिरिक्त सचिव, शिक्षा निदेशालय कॉलेजेज के निदेशक, पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विनियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए), पाकिस्तानी टेलीविजन के प्रबंध निदेशक और इस्लामाबाद कॉलेज फॉर गर्ल्स की प्रिंसिपल के जरिये आयशा इश्तियाक नाम की एक लड़की को प्रतिवादी बनाया है।
इस्लामाबाद मॉडल कॉलेज फॉर ब्यॉयेज में पढ़ने वाले हैदर ने याचिका में कहा कि उसने इस साल 23 मार्च को राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया था और भाषण दिया था। बाद में राष्ट्रपति ने उन्हें एक सराहना पत्र दिया था।