दिल्ली
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कश्मीर घाटी में भारी उकसावे के बाद भी आतंकवादियों के साथ निबटने में बड़े संयम का परिचय देने के लिए आज सशस्त्र बलों की प्रशंसा की और सीमा पर चौकसी बनाए रखने तथा अपनी आयुध संपत्तियों को तैयार रखने पर बल दिया।
सशस्त्र बलों को पारंपरिक संबोधन में रक्षा मंत्री ने पठानकोट वायुसेना स्टेशन पर आतंकवादी हमले पर मजबूत एवं साहसी जवाब देने तथा जम्मू कश्मीर में संघर्ष विराम उल्लंघन एवं घुसपैठ की कोशिशों से प्रभावी तरीके से निबटने के लिए उनकी सराहना की।
उन्होंने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आकाशवाणी पर अपने संबोधन में कहा, ‘‘हमारे सशस्त्रबलों ने भारी उकसावे के बाद भी कश्मीर घाटी में आतंकवादियों से निबटने में बहुत बड़े संयम का परिचय दिया है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘आपने जम्मू कश्मीर में सीमा पर से सभी संघषर्विराम उल्लंघनों को विफल कर दिया और नापाक इरादों के साथ देश में घुसपैठ करने की आतंकवादियों की कोशिश नाकाम कर दी। ’’
पठानकोट हमले का जिक्र करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘मैं इस हमले को विफल करने में वायु सेना के लड़ाकों और सुरक्षाबलों द्वारा की गयी कोशिश की सराहना करता हूं। मुझे अपने उन सात बहादुर जवानों की मौत पर गहरा दुख है जिन्होंने इस हमले का मुकाबला करते हुए राष्ट्र की खातिर अपनी जान कुर्बान कर दी। ’’ पर्रिकर ने सीमाओं पर चौबीसों घंटे चौकसी की आवश्यकता पर बल दिया और कहा, ‘‘अतएव हमें अपनी आयुध संपत्ति को तैयार रखना और कम समय में अग्रिम स्थलों पर अपने सैनिकों को ले जाने में समर्थ रहना चाहिए। साथ ही, हमें अपने हथियार तंत्रों एवं उपकरणों को निरंतर उन्नत एवं आधुनिक बनाने की जरूरत है। ’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने खरीद प्रक्रिया को सुचारू, तत्वरित और पारदर्शी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं।
उन्होंने ए एन 32 विमान के लापता होने के संबंध में कहा कि चालक दल और यात्रियों के रिश्तेदारों को तलाश अभियान के बारे में नियमित रूप से सूचना दी जा रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ सभी स्रोतों से मिलने वाली सूचनाओं का जहाजों और विमानों द्वारा सघन रूप से परखा जा रहा है लेकिन मित्रो, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लापता विमान के बारे में कोई ठोस सबूत अबतक नहीं मिला है।’’ उन्होंने ओआरओपी और सीजीएचएस का भी जिक्र किया।