पुराने पड़ते मिग विमानों के बेड़े को ‘मेक इन इंडिया’ फाइटर जेट्स से रिप्लेस करने के भारतीय वायु सेना की योजना में अड़ंगा लग सकता है। इस वक्त वायु सेना के सामने दो ही विकल्प हैं। इनमें से एक फाइटर जेट स्वीडन जबकि दूसरा अमेरिका का है। हालांकि, दोनों ही जेट्स 2010 में वायु सेना की कॉम्प्रिहेंसिव टेक्निकल इवैल्युएशन प्रक्रिया में फेल हो चुके हैं। वहीं, इस बात को भी लेकर भी नाराजगी है कि फाइटर जेट्स के चुनाव में अन्य देशों को नहीं बुलाया गया।
इकनॉमिक टाइम्स में छपे ख़बर में कहा गया है कि अखबार ने इस रिपोर्ट पर सीनियर अफसरों से बातचीत की है। हालांकि, वे अपनी पहचान सार्वजनिक नहीं करना चाहते। वहीं, भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ने कहा कि वह इस मुद्दे पर कॉमेंट नहीं करेंगे।
इस महीने की शुरुआत में भारतीय वायुसेना की ओर से अमेरिका और स्वीडन को भेजे गए संदेश में कहा गया कि वह एक मॉडर्न और प्रमाणित सिंगल इंजन वाले फाइटर एयरक्राफ्ट की तलाश में हैं। हालांकि, वायु सेना ने इस बात की जानकारी नहीं दी कि परफॉर्मेंस के स्तर पर उसे किन खूबियों की तलाश है? वायु सेना ने सिर्फ ‘फोर्थ जनरेशन फाइटर’ की मांग की। यह एक ऐसा मानदंड है, जिसके दायरे में लंबे वक्त से विकसित हो रहा भारतीय लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) भी आता है।