नयी दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि दुनियाभर में जो भी घटित हो रहा है, उसे भारत नजरअंदाज नहीं कर सकता और राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में राजनीति को दरकिनार कर आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाना चाहिये।
प्रधानमंत्री अंतर-राज्यीय परिषद की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। जिसमें महसूस किया गया कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
दिनभर चली बैठक में मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए उन्होंने राज्यों को खुफिया जानकारी साझा करने पर ध्यान देने को कहा जिससे इस देश को आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में ‘चौकन्ना’ और ‘अद्यतन’ रहने में मदद मिलेगी।
अपने समापन भाषण में प्रधानमंत्री ने कानून व्यवस्था के पहलू को छूआ और इस बात पर जोर दिया कि आज दुनिया में जो कुछ घटित हो रहा है, उसे भारत में केन्द्र और राज्य दोनों ही नजरअंदाज नहीं कर सकते।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनके समापन भाषण की विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा, “इस मुद्दे पर मोदी ने सभी संबद्ध लोगों को राजनीतिक को अलग रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखने का अनुरोध किया।” प्रधानमंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है जब फ्रांस सहित कुछ देशों में आतंकी हमले किए गए हैं। दस साल बाद हुई इस बैठक में पंजाब सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया।
दस साल के अंतराल के बाद हुई बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री ने हिस्सा लिया। अकाली दल एवं भाजपा गठबंधन की सरकार वाले पंजाब ने केन्द्र पर राज्यों के अधिकार लिये जाने का आरोप लगाया।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों को बताया कि “हमें अपनी आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए अपने देश को किस तरह से तैयार करें, इस पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।” मोदी ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा तब तक मजबूत नहीं की जा सकती जब तक राज्य और केन्द्र खुफिया सूचनाओं को साझा करने पर ध्यान नहीं देते। “हमें हमेशा चौकन्ना और अद्यतन रहना होगा।”