कश्मीर में सरकार शांति बहाली की पूरजोर कोशिश कर रही है। इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। वहीं प्रेस पर भी सख्ती की जा रही है। शनिवार को पुलिस ने ऊर्दू और अंग्रेजी अखबारों की प्रतियां जब्त कर ली। इससे पहले शुक्रवार रात को प्रिंटिंग प्रेस पर छापे मारे गए थे। प्रकाशकों ने अपनी वेबसाइटों पर दावा किया कि उनकी प्रिंट प्रतियां जब्त कर ली गई और प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। ग्रेटर कश्मीर वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, ”पुलिसकर्मियों ने ग्रेटर कश्मीर की प्लेट्स जब्त कर ली। साथ ही कश्मीर उज्मा की 50 हजार कॉपियां जब्त कर ली।”
अंग्रेजी अखबार कश्मीर रीडर ने कहा, ”पुलिस ने कश्मीर रीडर की कॉपियां सीज कर ली। रात दो बजे पुलिस ने रंगरेठ में प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारा और आठ लोगों को हिरासत में ले लिया।” कश्मीर घाटी में केटी प्रेस सबसे बड़ी हैं और यहां से कश्मीर रीडर, तमील-ए-इरशाद, कश्मीर टाइम्स, कश्मीर ऑब्जर्वर, द कश्मीर मॉनिटर, कश्मीर एज और ब्राइटर कश्मीर पब्लिश होते हैं। एक हॉकर ने बताया, ”जब हम प्रेस में अखबार लेने पहुंचे तो पुलिस ने पहले ही प्रतियां जब्त कर ली थी। जब हमने उनसे पूछा कि ऐसा क्यों किया जा रहा है तो उन्होंने हमारे साथ भी दुर्व्यवहार किया।”
घाटी में गुरुवार शाम से ही मोबाइल सेवा ठप है। केवल बीएसएनएल फोन और इंटरनेट सेवा ही चालू है। बुरहान वानी के मारे जाने के बाद से कश्मीर में तनाव है। लगातार सातवें दिन शांति नहीं हुई। अलगाववादी नेताओं ने सोमवार तक बंद का आह्वान किया है।