इससे पहले सोमवार को एनजीटी ने प्रदूशन के मुद्दे पर केंद्र सहित दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान सरकार को फटकार लगाई। एनजीटी ने सभी सरकारों से पूछा कि उन्होंने पल्यूशन को रोकने के लिए क्या किया है। धूल को दबाने के लिए अभी तक सड़कों पर पानी का छिड़काव क्यों नहीं शुरू किया, हेलिकॉप्टर से पानी छिड़काव के प्रस्ताव का क्या हुआ?
एनजीटी ने पूछा कि आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब तक क्या कार्रवाई की गई है? पंजाब में 70 फीसदी जमीन पर फसलों के अवशेष को जलाया जा रहा है। दिल्ली सरकार क्या कर रही है? क्या प्रदूषण को खत्म करने की जिम्मेदारी आपकी नहीं है? नगर निगम क्या कर रही है?
इन्वाइरनमेंट पल्यूशन कंट्रोल अथॉरिटी (ईपीसीए) ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर इस मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट कल इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है। चीफ जस्टिस टी.एस ठाकुर की अध्यक्षता में बेंच इस मुद्दे पर सुनवाई करेगा। चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि पहले ही आदेश दिए जा चुके हैं, उन्हें अमल में लाने की जरूरत है।
एनजीटी से फटकार के बाद दिल्ली सरकार भी एक्टिव हो गई है। राजधानी की सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। हालांकि, आज (सोमवार) रविवार के मुकाबले कम स्मॉग है, हवा की गति बढ़ने से स्मॉग में कमी आई है। लेकिन प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है।