एडीआर की सबसे ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी को इस साल 76 करोड़ 85 लाख की रकम ऐसे चंदे से मिली जो 20 हजार से ज्यादा थी। जबकि पिछले साल ये रकम 437 करोड़ 35 लाख थी। कांग्रेस को इस साल 20 हजार रुपए से ऊपर 20 करोड़ 42 लाख ही चंदा मिला, जबकि पिछले साल ये रकम 141 करोड़ 46 लाख थी।
बीएसपी ने चंदे का जो हिसाब दिया है वो तो और भी ज्यादा चौंकाने वाला है। बीएसपी ने कहा कि इस बार उसे एक भी ऐसा चंदा नहीं मिला जो 20 हजार से ज्यादा का हो। चूंकि राजनीतिक पार्टियां ना तो आरटीआई के दायरे में आती हैं, ना ही उन्हें इनकम टैक्स देना होता है, और ना ही 20 हज़ार से नीचे मिले गुप्त चंदे का हिसाब देना पड़ता है।
चुनाव आयोग के पास फिलहाल ऐसी फर्ज़ी पार्टियों को लिस्ट से बाहर करने का ही अधिकार है। वो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं कर सकता। कानून मंत्रालय के पास इस अधिकार के लिए उसकी मांग काफी वक्त से पड़ी है।































































