दिल्ली में बकरीद के मौके पर एक बड़ा हादसा होने से टल गया। पश्चिम दिल्ली के प्रेम नगर इलाके में एक मदरसे के प्रिंसिपल की सूझबूझ के चलते दो समुदाय के लोग एक दूसरे के दुश्मन बनने से रह गए। दरअसल ये मामला दो धर्मों के लोगों को आपस में लड़ाने का था। जिसका अब पर्दाफाश हो चुका है। साजिशकर्ता अपनी साजिश में काफी हद तक कामयाब भी हो गए थे। लेकिन प्रेमनगर मदरसे के प्रिंसिपल की समझदारी की वजह से उनकी साजिश पूरी नहीं हो पाई।
नवभारत की खबर के मुताबिक ये विवाद शुरू हुआ बुधवार रात। जब दो युवकों पर गोरक्षकों के हमले के बाद इलाके में तनाव का माहौल बन गया था पर प्रेमनगर मदरसे के प्रिंसिपल अली रुकमन ने समझदारी दिखाते हुए सांप्रदायिक भावनाओं में बहने से खुद को रोका और दंगा होने से बचा लिया।
दरअसल, 52 साल के अली रुकमन को जब पता चला कि उनके दामाद हाफिज अब्दुल खालिद और एक अन्य शख्स अली हसन पर गोरक्षकों के दल ने हमला कर बुरी तरह पीटा है, तो वह काफी नाराज और चिंतित हुए। यह दोनों शख्स ईद-उल-जुहा के मौके पर कुर्बान की गई भैंस के अवशेष अपनी गाड़ी में लेकर जा रहे थे। इस घटना की प्रतिक्रिया में जब भीड़ बदला लेने के लिए जमा हुई तो रुकमन ने उन्हें साफ कह दिया कि यह मामला उनका और उनके परिवार का है, बाहरी लोगों को इसमें दखल देने की कोई जरूरत नहीं।
अगली स्लाइड में पढ़ें – रुकमन को पहले से ही थी साजिश की आशंका