दिल्ली:
समुद्री आतंकवाद को बड़ा खतरा बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि समुद्र और तटीय रेखा के पास संवेदनशील इलाकों की पहचान के लिए सुरक्षा ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
तटरक्षक बल के पोत ‘सारथी’ को बेड़े में शामिल करते हुए सिंह ने कहा कि नवम्बर 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद समुद्री सुरक्षा से जुड़े मुद्दों का समाधान करने में सरकार सफल रही है। मुंबई हमले को समुद्री रास्ते से आए आतंकवादियों ने अंजाम दिया था।
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की मौजूदगी में उन्होंने कहा, ‘‘समुद्री आतंकवाद खतरा बना हुआ है क्योंकि कई बड़े शहरों के साथ हमारी लंबी तटरेखा है और वहां सुरक्षा प्रतिष्ठान हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने समुद्रों और तटीय इलाकों में संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा ऑडिट की प्रक्रिया शुरू कर दी है।’’ गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने भारत के तटीय नेटवर्क को मजबूत करने के लिए विस्तृत और एकीकृत तटीय सुरक्षा योजना अपनाई है।
उन्होंने कहा, ‘‘तटीय सुरक्षा की जिम्मेदार एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय के लिए तटरक्षक बल के महानिदेशक को तटीय सुरक्षा का कमांडर बनाया गया है।’’ उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल को भारत की समुद्री पारिस्थितिकी की सुरक्षा और संरक्षण के लिए भी काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘समुद्र प्राकृतिक सुरक्षा कवच के तौर पर काम करते हैं और पारिस्थितिकी समृद्धि के लिए नये अवसर लेकर आते हैं।’’ तटरक्षक बल की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए गृह मंत्री ने इसे भारत के सुरक्षा ढांचे का आधार बताया जिसके दो अन्य महत्वपूर्ण आधार नौसेना और समुद्री पुलिस हैं।
तटरक्षक बल का पोत ‘सारथी’ 105 मीटर के छह तटीय गश्ती पोत की श्रृंखला में तीसरा पोत है। पोत का निर्माण और डिजाइन गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने किया है और इसमें उन्नत नौवहन और संचार उपकरण तथा संेसर लगे हुए हैं।
इसकी विशेषताओं में एकीकृत मशीनरी नियंत्रण प्रणाली, उर्जा प्रबंधन प्रणाली और उच्च क्षमता अग्निशमन प्रणाली शामिल है।
पोत पर 14 अधिकारी और 98 जवानों की तैनाती हो सकती है।