ढींगरा कमिशन ने माना वाड्रा ने अवैध तरीके से 50.50 करोड़ रुपये कमाए, प्रियंका ने ऐसे किया बचाव

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वाड्रा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने साल 2008 में हरियाणा में एक लैंड डील से गैरकानूनी रूप से 50.50 करोड़ रुपये का मुनाफा बनाया था, जबकि उस लैंड डील में उनका एक पैसा भी खर्च नहीं हुआ था। बताया जा रहा है कि जस्टिस एस एन ढींगरा कमिशन इस नतीजे पर पहुंचा है। नवभारत टाइम्स की खबर के मुताबिक कमिशन की रिपोर्ट की जानकारी रखने वाले लोगों ने उसके ब्योरे के बारे में ईटी को जानकारी दी है।

मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कमिशन के हवाले से कहा कि वाड्रा की कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए सांठगांठ की गई थी। आयोग ने वाड्रा और उनकी कंपनियों की ओर से खरीदी गई प्रॉपर्टीज की जांच करने को कहा है। ईटी के सवालों का एक ई-मेल में जवाब देते हुए वाड्रा और स्काईलाइट हॉस्पिैलिटी के वकील सुमन खेतान ने कहा कि वाड्रा और स्काईलाइट ने कोई गलत हरकत नहीं की थी और किसी कानून का उल्लंघन नहीं किया था। उन्होंने यह भी कहा कि जमीन पैसा चुकाकर खरीदी गई थी और इनकम टैक्स का पेमेंट भी किया गया था।

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गौरतलब है कि ढींगरा कमीशन का गठन मई 2015 में हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने किया था। आयोग को गुड़गांव के चार गांवों में लैंड यूज बदलने के लिए लाइसेंस दिए जाने की जांच का जिम्मा दिया गया था। इसमें वाड्रा की कंपनी स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए लाइसेंस की जांच भी शामिल थी। आयोग ने अपनी रिपोर्ट पिछले साल 31 अगस्त को दी थी। प्रदेश सरकार ने उस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के पास एक सील्ड कवर में पिछले सप्ताह भेजा था। जस्टिस ए के गोयल और जस्टिस यू यू ललित की बेंच ने लैंड डील्स से जुड़ी एक लंबित याचिका के सिलसिले में रिपोर्ट मांगी थी।

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प्रिंयका गांधी बोलीं, मेरी प्रॉपर्टी से रॉबर्ट वाड्रा का कोई लेना-देना नहीं

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि उनकी संपत्ति से उनके पति रॉबर्ट वाड्रा या उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने ये जवाब फरीदबाद में खरीदी गई एक जमीन पर उठे सवालों के बाद दिया है।

प्रियंका ने अपने ऊपर लगे उन आरोपों को बेबुनियाद और सियासी साजिश बताया है जिसमें जमीन के सौदे में उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के ​फाइनेंस करने की बात कही गई है। एक मीडिया हाउस द्वारा कथित तौर पर सवाल उठाये जाने के बाद प्रियंका के कार्यालय की ओर से ये बयान दिया गया है।

प्रियंका की ओर से बताया गया है कि 28 अप्रैल, 2006 को उन्होंने 5 एकड़ जमीन हरियाणा के फरीदाबाद जिले के अमीपुर गांव में खरीदी थी। इसके लिए 15 लाख रुपये का भुगतान चेक से किया गया था। प्रियंका गांधी ने इसके लिए जरूरी 4% सरकारी शुल्क चुकाया था, जो कि जमीन की कीमत के मुताबिक 60 हजार रुपये था। ये सौदा स्काइलाइट हॉस्प‍िटैलिटी के कथित जमीन सौदे से 6 साल पहले हुआ था।

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बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि जमीन खरीदने के लिए प्रियंका ने दादी इंदिरा गांधी से विरासत में मिली संपत्ति के किराए की आय का इस्तेमाल किया था। प्रियंका गांधी की तरफ से खरीदी गई किसी भी प्रॉपर्टी के भुगतान का संबंध रॉबर्ट वाड्रा या उनकी कंपनी स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी या डीएलएफ से नहीं है।

17 फरवरी, 2010 को प्रियंका ने इस जमीन को इसके मूल मालिक को 80 लाख रुपये में बेच दिया था। ये सौदा जमीन की तब की बाजार कीमत के हिसाब से हुआ था और पूरा भुगतान भी चेक से लिया गया था।