नीति आयोग के सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज की 11वीं इंडिया करप्शन स्टडी-2017 रिपोर्ट में पता चला है कि कर्नाटक देश के सबसे भ्रष्ट राज्य है। रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वेक्षण के दौरान सार्वजनिक सेवाओं के लिए रिश्वत देने में लोगों के अनुभव के आधार पर कर्नाटक ने भ्रष्ट राज्यों की सूची में सबसे पहले स्थान हासिल किया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वे में करीब एक तिहाई लोगों ने माना कि पिछले साल उन्हें कहीं न कहीं रिश्वत देनी पड़ी। सर्वेक्षण में गांव और शहरी क्षेत्र के 3,000 लोगों की राय ली गयी। इनमें से आधे से अधिक ने माना कि नोटबंदी के दौरान घूसखोरी में कमी आयी थी। रिपोर्ट में आकलन किया गया है कि 20 राज्यों के लोगों ने 10 सार्वजनिक सेवाओं के लिए 6,350 करोड़ रुपये की रिश्वत 2017 में दी। वर्ष 2005 में लोगों ने 20,500 करोड़ रुपये रिश्वत दी थी। इस साल कराये गये अध्ययन में 53 फीसदी लोगों ने रिश्वत देने की बात कबूल की थी।
कर्नाटक के बाद आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, जम्मू और कश्मीर और पंजाब का नंबर आता है. सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज ने ये सर्वे देश के 20 राज्यों में कराया था. सर्वे के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ सबसे कम भ्रष्ट राज्यों में हैं। सर्वेक्षण के दौरान शहर और गांव के करीब तीन हजार लोगों की राय ली गई।
कहां, कितने लोगों ने दी रिश्वत
कर्नाटक 77.0 फीसदी
आंध्रप्रदेश 74.0 फीसदी
तमिलनाडु 68.0 फीसदी
हिमाचल प्रदेश 03.0 फीसदी
सर्वे में ये भी दावा किया गया है कि ज्यादातर लोगों ने माना है कि नवंबर में हुए नोटबंदी के बाद सार्वजनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार को लेवल कम हुआ है। हालांकि इस स्टडी में ये इशारा किया गया है कि सार्वजनिक सेवाओं में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए अभी काफी कुछ किया जाना बाकी है।