नई दिल्ली। विवादों में घिरी फ्रांसीसी रक्षा कंपनी डीसीएनएस ने ऑस्ट्रेलियाई सुप्रीम कोर्ट का रूख कर ‘दि ऑस्ट्रेलियन’ अखबार के खिलाफ निषेधाज्ञा जारी कर उसे भारत की स्कॉर्पीन पनडुब्बी परियोजना के लीक हुए दस्तावेजों को आने वाले दिनों में और प्रकाशित करने से रोकने की गुहार लगाई है।
डीसीएनएस ने अदालत से एक ऐसा आदेश पारित करने की भी गुजारिश की है, जिससे ‘दि ऑस्ट्रेलियन’ अपने पास मौजूद दस्तावेजों को सौंप दे और अपनी वेबसाइट से लीक हुए दस्तावेजों से जुड़ी सामग्रियों को हटा दे।
‘दि ऑस्ट्रेलियन’ ने डीसीएनएस के वकील जस्टिन मुंसी की ओर से दाखिल एक हलफनामे के हवाले से कहा कि ‘‘इस बेशकीमती दस्तावेज के प्रकाशन से संवेदनशील एवं प्रतिबंधित सूचनाएं और तस्वीरें फैली हैं और डीसीएनएस और इसके ग्राहक को सीधा नुकसान हुआ है।’’ अखबार ने कहा था कि वह सोमवार(29 अगस्त) को पनडुब्बी की हथियार प्रणालियों के बाबत दस्तावेजों को प्रकाशित करेगा।
एक फ्रांसीसी कंपनी के साथ मुंबई में भारतीय नौसेना के लिए बनाई जा रही छह अत्याधुनिक पनडुब्बियों की क्षमता से जुड़े बेहद गुप्त सूचनाएं पिछले दिनों लीक होने की खबरें सामने आई थीं। ये सूचनाएं 22,000 से ज्यादा पन्नों में हैं।
डीसीएनएस ने यह कदम ऐसे समय में उठाया है, जब अमेरिकी प्रशांत बेड़े के ‘सबमरीन फोर्स’ के पूर्व कमांडर ने चेतावनी दी है कि इस लीक से गुप्त सूचनाएं सुरक्षित रखने की फ्रांसीसी कंपनियों की काबिलियत पर भरोसा कमजोर होगा।