लखनऊ में दशहरा समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भागीदारी पर शिवसेना ने गुरुवार को कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा राममंदिर के नाम पर मत सुदृढ़ करने की कोशिश कर रही है। इसके साथ ही, शिवसेना ने यह भी जानना चाहा कि कौन सी चीज भाजपा को लोकसभा में पूर्ण बहुमत का उपयोग अयोध्या में मंदिर के निर्माण करने से रोक रही है और राममंदिर के मुद्दे पर सिर्फ नारेबाजी तक सीमित कर रही है । शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने लखनऊ में दो बार ‘जय श्री राम’ का नारा लगाया और राज्य में चुनावी बिगुल फूंका । यह निकट भविष्य में देखा जाएगा कि इस नारेबाजी का क्या असर होता है। लेकिन, यह हकीकत है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव भाजपा के लिए जिंदगी और मौत का सवाल है।’
संपादकीय में कहा गया है कि प्रधानमंत्री बनने के तुरंत बाद मोदी ने बनारस में ‘गंगा आरती’ की थी जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं और हिंदुत्व के मानने वालों में उत्साह आया था। यह भी अहम है कि ऐसा करने वाले वह पहले प्रधानमंत्री थे। इसमें कहा गया है, ‘लखनऊ में दशहरा मनाना और ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के पीछे का पूरा विचार राममंदिर बनाने के नाम पर आगामी उत्तर प्रदेश चुनाव में वोट हासिल करना है। उसे (भाजपा को) उम्मीद है कि अगर मंदिर नहीं भी बना तो कम से कम कमल खिलेगा।’
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