नई दिल्ली। रियो ओलिंपिक में अब से थोड़ी देर बाद पूरे देश की निगाहें टीवी सेट पर टिकी होंगी और आकर्षण का केंद्र होंगी शटलर पीवी सिंधु। बैडमिंटन सिंगल्स के फाइनल में सिंधु का मुकाबला वर्ल्ड नंबर वन स्पेन की कैरोलिना मारिन से होगा। इस अहम मुकाबले में वे जीत का लक्ष्य लेकर मुकाबले में उतरेंगी। अगर वे इस लक्ष्य को पाने में सफल रहीं तो भारतीय ओलिंपिक इतिहास में इंडिविजुअल इवेंट में गोल्ड जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी होगीं। भारत के लिए अब तक अभिनव बिंद्रा ही इंडिविजुअल इवेंट में गोल्ड जीत पाए हैं।
फाइनल में पहुंचने के बाद सिंधु ने साफ किया है कि उनका इरादा गोल्ड जीतना है और इसके लिए वे जीजान लगाने के लिए तैयार हैं। जाहिर है इस समय जोरदार फॉर्म में चल रहीं और वर्ल्ड नंबर वन मारिन को हराने कायह काम आसान नहीं है। सिंधु के लिए अच्छी बात यह है कि वे पूर्व में मॉरिन को हरा चुकी हैं। पिछले वर्ष डेनमार्क ओपन सुपर सीरीज के सेमीफाइनल में मारिन को 21-15, 18-21, 21-17 से हराया था। सिंधु को कल अगर मारिन को हराना है तो डेनमार्क ओपन जैसा ही प्रदर्शन करना होगा।
इन दोनों खिलाड़ियों के हार-जीत के रिकॉर्ड की बात करें तो दोनों खिलाड़ी सात बार आमने-सामने आई हैं और चार बार मारिन और तीन बार सिंधु के खाते में जीत आई है। एक मैच के अंतर से पिछड़ रहीं सिंधु अगर आज यह स्कोर 4-4 करने में कामयाब रहीं तो गोल्ड उनकी और भारत की झोली में होगा। दोनों शटलरों के बीच पिछला मुकाबला 18 नवंबर 2015 को हांगकांग ओपन में हुआ था जिसे 23 साल की मारिन ने 21-17, 21-9 से जीता था। इससे ठीक एक माह पहले यानी 17 अक्टूबर को डेनमार्क ओपन में हुई मुकाबले में जीत सिंधु के खाते में आई थी।