दिल्ली: सरकार बदली, अधिकारी बदले, कानून बदला लेकिन ना बदला वो धरती के स्वर्ग ‘कश्मीर’ की हालत। मोदी सरकार ने कश्मीर को लेकर एक लंबे चौड़े वादे किए थे, मोदी ने 2014 के चुनाव में इसकी स्थिति सुधारने के नाम पर खूब वाह वाही और वोट बटोरे। लेकिन आज इस सरकार को भी 3 साल होने को है लेकिन कश्मीर जहां 3 साल पहले खड़ा था अज भी वहीं खड़ा है। पिछले कई सालों की तरह यह साल भी कश्मीर के लोगों की लिए रक्तपात का साल साबित हुआ। पंजाब केशरी के एक खबर के अनुसार इस साल 101 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए जबकि 126 नागरिकों की मौत हो गई। इसके अलावा सुरक्षाबलों के साथ विभिन्न मुठभेड़ों में 144 आतंकी मारे गए। शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों में 63 सेना के जवान, 11 सी.आर.पी.एफ. जवान, 18 पुलिसकर्मी, 8 बी.एस.एफ. जवान और एक एस.एस.बी. जवान शामिल है। वहीं इस साल हिंसा की विभिन्न घटनाओं में 126 नागरिकों की मौत हो गई।
वर्ष 2015 में सैंकड़ों स्थानीय और गैर स्थानीय आतंकियों सहित लगभग 195 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, 2014 में आतंकी संबंधित घटनाओं में 220 लोगों की जान गई थी।